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जिन्ना को बुढ़ापे में दोस्त की नाबालिग बेटी से हुआ था प्यार, ऐसे हालत में हुई थी शादी

वर्षो पूर्व विधुर हो चुके जिन्ना का दिल रूटी पर आ गया।

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नई दिल्ली। पाकिस्तान को बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना के जन्म को लेकर विरोधाभास है। काफी विरोधाभास के बाद उनकी आधिकारिक जन्मतिथि 25 दिसंबर ही मानी जाती है। वे मात्र 19 साल की उम्र में ही वकील बन गए। राजद्रोह के आरोप का सामना कर रहे बाल गंगाधर तिलक ने 1905 में जिन्ना को ही अपना वकील बनाया था। हालांकि, जिन्ना यह केस हार गए थे और उनको सश्रम कारावास की सजा मिली। वैसे जिन्ना मूल रूप से गुजराती हैं। उनके पिता जिन्नाभाई पुंजा गुजरात, कठियावाड के पनेली गांव के निवासी थे। वह वहां के प्रसिद्ध व्यापारी थे। बताया जाता है जिन्ना के जन्म से पहले वे सिंध में जाकर बस गए थे जो की अब पाकिस्तान है।

जिन्ना पाकिस्तान के पहले गर्वनर जनरल बने। टीबी की बीमारी से ग्रसित जिन्ना ने कराची में 11 सितंबर 1948 को रात के लगभग साढ़े दस बजे अपनी आखरी सासें लीं। पाकिस्तान के कराची शहर में 25 दिसंबर 1876 को जन्मे जिन्ना की सिर्फ 14 वर्ष की आयु में एमीबाई नाम लड़की से शादी हो गई थी। 17 वर्ष की उम्र में वे बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए थे। सन् 1986 में जिन्ना मुंबई वापस लौटे, तब तक एमीबाई का निधन हो गया था। बैरिस्टर के रूप में जिन्ना अपने शाम का समय मुंबई के ‘ओरिएंटल क्लब’ में बिताया करते करता था। क्लब में आने वाले कई नामी गिरामी लोगों उनकी से दोस्ती थी।

इसमें मुंबई के नामी उद्योगपति सर दिनशा पिटीट का नाम भी शामिल था। अक्सर जिन्ना दिनशा के बंगले में होने वाली पार्टियों में भी शरीक हुआ करते थे। जिन्ना और दिनशा के बीच अच्छी दोस्ती थी। इसी दौरान जिन्ना की नजर दिनशा की 16 साल की बेटी रूटी पर पड़ी और उन्हें रूटी से प्यार हो गया। एक बार दिनशा ने जिन्ना को दार्जिलिंग में छुट्टियां बिताने का भी आमंत्रित किया फिर दिनशा के परिवार के साथ जिन्ना भी दार्जिलिंग जा पहुंचे। यह साल 1916 का था।

दार्जिलिंग में ही जिन्ना की मुलाकात दिनशा की 16 वर्षीय बेटी रतनबाई उर्फ रूटी से मुलाकात हुई। वर्षो पूर्व विधुर हो चुके जिन्ना का दिल रूटी पर आ गया। उस समय रूटी की आयु सिर्फ 16 वर्ष थी, जबकि जिन्ना उनसे 24 साल बड़े थे। कुछ समय बाद ही जिन्ना और रूटी के बीच प्यार पनपने लगा। इसी के चलते एक दिन जिन्ना ने हिम्मत करके दिनशा से उनकी बेटी रूटी का हाथ मांग लिया। लेकिन जब तक जिन्ना अपनी बात पूरी कर पाते इससे पहले ही पिता दिनशा अपना आपा खो बैठे। इस वाक्ये के बाद जिन्ना और दिनशा की दोस्ती की दोस्ती खत्म हो गई। उस समय जिन्ना ‘पारसी मैरेज एक्ट’ के तहत रूटी से शादी नहीं कर सकते थे, क्योंकि रूटी की उम्र कम थी। इसलिए जिन्ना रूटी के बालिग होने तक पहुंचने का इंतजार करने लगे।

20 फरवरी 1900 को जन्मी रूटी के 1919 में 19 साल की होते ही जिन्ना ने रूटी से 19 अप्रैल, 1919 को निकाह कर लिया। रूटी को हासिल करने के लिए जिन्ना ने धर्म का ही सहारा लिया। इसके तहत उन्होंने रूटी का धर्म परिवर्तन करवा। निकाह जके बाद रूटी ‘मरियमबाई’ के नाम से जानी जाने लगीं। उस समय जिन्ना मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करते थे। अगर वे ‘सिविल मैरिज’ करते तो उन्हें अपना पद खोना पड़ जाता। हालांकि धर्म परिवर्तन के बाद भी रूटी के जिंदगी में कोई परिवर्तन नहीं आया। अब भी वे अपनी मर्जी से घूमने-फिरने भी जाया करती थीं। सन् 1919 के अंत में रूटी ने बेटी का जन्म हुआ। इस दौरान तक जिन्ना की बहन फातिमा और रूटी के बीच घरेलू विवाद होने लगा था।

इसके चलते रूटी मुंबई के ताज होटल के एक स्यूट में रहने लगीं। वे बहुत ज्यादा नशा करने लगीं, जिसकी वजह से उनकी तबियत बहुत बिगड़ गई। 20 फरवरी 1929 को रूटी का 30वां जन्मदिन था और इसी दिन शाम को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।