
प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान
येरेवान। म्यांमार में तख्तापलट के बाद अब अभी हाल ही युद्ध के संकट से बाहर निकले आर्मेनिया में तख्तापलट की सुगबुगाहट तेज हो गई है। युद्ध के बाद देश में उत्पन्न संकटों को खत्म करने में जुटा आर्मेनिया को अब नई मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने इसकी चेतावनी भी दी है।
पीएम निकोल ने सेना पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कभी भी तख्तापलट कर सकती है। हाल ही में सेना ने एक बयान में कहा था कि पीएम निकोल और उनकी कैबिनेट को निश्चित तौर पर इस्तीफा देना चाहिए। राजधानी येरेवान में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए निकोल ने कहा कि सेना को निश्चित तौर पर सेना को जनता और चुने हुए प्राधिकरण की बात माननी होगी।
आपको बता दें कि सेना के शीर्ष अधिकारी पीएम निकोल से काफी नाराज हैं, क्योंकि उन्होंने उनके शीर्ष कमांडर को बर्खास्त कर दिया। साथ ही अजरबैजान के साथ हुए युद्ध में अर्मेनिया को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। जिसको बाद से निकोल के खिलाफ रोष है।
विपक्ष से बातचीत को तैयार
प्रधानमंत्री निकोल ने रैली को संबोधित करते हुए अपने समर्थकों को कहा कि वे राजधानी येरेवान के केंद्र में स्थित रिपब्लिक चौक पर जमा हों। इसके बाद से हजारों की संख्या में समर्थक रिपब्लिक चौक पर जमा हो गए। उन्होंने कहा कि सेना एक राजनीतिक संस्थान नहीं है और राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने का प्रयास अस्वीकार्य है।
हालांकि, पीएम निकोल ने विपक्ष को आमंत्रित किया कि वह देश में जारी संकट के समाधान के लिए वार्ता की मेज पर आए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सत्ता में बदलाव सिर्फ चुनाव के जरे होना चाहिए। चुनाव के अलावा बाकी अन्य रास्ते अस्वीकार्य है।
Updated on:
27 Feb 2021 05:02 pm
Published on:
27 Feb 2021 04:49 pm
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