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नई दिल्ली। पाकिस्तान में हिंदुओं, मंदिरों और उनकी संपत्ति को आए दिन निशाना बनाया जाता है। बेरहम पाकिस्तान का एक और क्रूर चेहरा सामने आया है। पाक में पिछले दिनों गणेश मंदिर पर हुए हमले में बाद हिंदुओं को काले कानून का सामना करना पड़ा रहा है। पाकिस्तान ने 8 साल के हिंदू बच्चे पर ईशनिंदा का काला कानून लगाया है। पाक के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब कम उम्र के बच्चे पर ईशनिंदा कानून लगाया गया है। अगर इस मामले में बच्चे पर दोष सिद्ध हो जाता है कि सजा-ए-मौत का भी प्रावधान है।
एक सप्ताह जेल में बिताया
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दिनों गणेश मंदिर पर हमले के बाद से हिंदुओं में खौफ व्याप्त है। कई हिंदू रहीम यार खान जिले से पलायन कर रहे हैं। एक हिंदू बच्चे ने मदरसे की लाइब्रेरी में पेशाब करने का आरोप लगा था। उसके बाद बच्चे को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक हफ्ते तक बच्चा जेल रहा बाद में अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया। बच्चे की रिहाई का कट्टरपंथी विरोध कर रहे हैं। सैकड़ों कट्टरपंथियों ने मंदिर में घुसकर उसमें तोड़फोड़ की।
बच्चा नहीं जाता ईशनिंदा कानून क्या है
आठ साल के बच्चे पर ईशनिंदा का केस दर्ज किया गया है। ईशनिंदा कानून के तहत अब बच्चे पर सजा—ए—मौत का खतरा मंडरा रहा है। ब्रिटिश अखबार गार्डियन ने बच्चे के परिवार के एक सदस्य से बातचीत की। परिवार के लोगों का कहना है कि वह बच्चा अभी ईशनिंदा कानून के बारे में जानता भी नहीं है। उसे गलत तरीके से इस पूरे मामले में फंसाया गया है।
पाक सुप्रीम कोर्ट के बाद दोषियों पर कार्रवाही
मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मूर्तियों को तोड़ दिया और मंदिर को आग के हवाले कर दिया था। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद पुलिस हरकत में आई दोषियों के खिलाफ काईवाही की है। मंदिर के आसपास पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। भारत के दबाव बनाने के बाद पाकिस्तान ने मंदिर की मरम्त करने की बात कही है। पाकिस्तान की इस घटना के बाद दुनियाभर में उसकी कड़ी आलोचना हो रही है।
Published on:
10 Aug 2021 09:28 am
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