scriptचंद्रयान-2 को लेकर चीनी पत्रकार का बड़ा सवाल, बताई भारत की बड़ी गलती | Chandrayaan-2 China raise big question why lander Vikram system | Patrika News
विश्‍व की अन्‍य खबरें

चंद्रयान-2 को लेकर चीनी पत्रकार का बड़ा सवाल, बताई भारत की बड़ी गलती

Chandrayaan-2 लैंडर विक्रम के संपर्क को लेकर चीन का बड़ा सवाल
चीन के सवाल पर मच गया बवाल
चीन के पत्रकार ने अपने ट्वीट में किए कई खुलासे

नई दिल्लीSep 21, 2019 / 09:17 am

धीरज शर्मा

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान से लैंडर विक्रम के संपर्क टूटने को लेकर चीन ने बड़ा खुलासा किया है। जब 7 सितंबर को लैंडर विक्रम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर रहा था, तो ये क्रैश हो गया और उसके बाद से इसरो से इसका कोई संपर्क लाख कोशिश के बाद भी नहीं हो सका।
यहां तक दुनिया की सबसे बड़ी और सक्षम स्पेस एजेंसी नासा ने भी विक्रम से संपर्क की कोशिश की लेकिन उसका जवाब नहीं मिला। अब जबकि चांद पर दिन खत्म हो रहा है और 14 दिन की रात आ रही है तो माना जा रहा है कि इस दौरान विक्रम से संपर्क की रही-सही उम्मीदें भी खत्म होगी। लेकिन इसी बीच एक सवाल भी उठ रहा है। एक चीनी पत्रकार ने इसको लेकर ट्वीट के जरिये बड़ा सवाल किया है।
चंद्रयान-2 लैंडर विक्रम को लेकर ISRO चीफ के सिवन ने कर दिया बड़ा खुलासा, इतने घंटे बाद आएगी बड़ी खुशखबरी

https://twitter.com/AJ_FI/status/1173915780842512384?ref_src=twsrc%5Etfw
ये है सबसे बड़ा सवाल
चीन के पत्रकार ने सवाल किया है कि क्या इसरो ने केवल 14 दिनों के लिए ही लैंडर विक्रम को चांद पर भेजा था, क्योंकि उन्होंने उसमें वो थर्मल उपकरण नहीं लगाया था, जो इस लैंडर को चांद पर रात होने की सूरत में ठंड से बचाता और गर्म रखता।
आपको बता दें कि चांद पर रातें बहुत ठंडी होती हैं। तापमान माइनस 200 डिग्री से नीचे चला जाता है, ऐसे में लैंडर विक्रम के सही सलामत रहने की संभावनाएं एकदम ही खत्म हो जाएंगी। इतनी ठंड को विक्रम के अंदर लगे उपकरण बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे, वो जवाब दे देंगे।
fact_check_1564304344.jpg

पटरी से उतर कर सुरक्षा दीवार तोड़ती हुई निकली ट्रैन, हर तरफ मच गई खलबली, सुनाई देने लगीं चीख पुकार

दूसरा बड़ा कारण
इसके अलावा अगले 14 दिनों में ठंडे कहे जाने वाले चांद के साउथ पोल में चंद्रमा पर बर्फ की ऐसी परत जम सकती है कि फिर ये किसी आर्बिटर को शायद ही नजर आए। तब ना तो इसरो का चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगता हमारा आर्बिटर तलाश पाएगा और ना ही नासा का आर्बिटर।

ऐसे में 14 दिन लैंडर विक्रम की कहानी को पूरी तरह खत्म कर देंगे।

अब हम जानते हैं उस उपकरण के बारे में जिसके नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं।

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में प्रकाशित ते यांग पार्क, जांग जून ली और ह्यून ओंग ओ ने इस बारे में एक लेख लिखा है, जिसका शीर्षक है, प्रारंभिक थर्मल डिजाइन और रात में चांद पर लैंडर के बचाव का विश्लेषण।

इसमें कहा गया है कि चांद एक दिन पृथ्वी के करीब एक माह के बराबर होता है। इसमें 14 दिनों का दिन और लगातार 14 दिनों की रात होती है।

ये भी पढ़ें: वैज्ञानिक जांच में हुआ बड़ा खुलासा, लैंडिंग प्रोग्राम में गड़बड़ी के चलते विक्रम लैंडर क्रैश!

ये रातें बेहद ठंडी होती हैं। लिहाजा ऐसे में जब चांद पर कोई लैंडर भेजा जाता है तो उसमें उपयुक्त तरीके से थर्मल डिजाइन करना एक अहम टास्क ही नहीं होता है बल्कि ये ही वो पहलू है, जिसके पुख्ता तरीके से काम करने के लिए लैंडर इतनी ठंड में बचा रहता है।

Home / world / Miscellenous World / चंद्रयान-2 को लेकर चीनी पत्रकार का बड़ा सवाल, बताई भारत की बड़ी गलती

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो