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नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश (Bangladesh) दोनों 1971 की जंग का विजय वर्ष मना रहे हैं। आज से 50 साल पहले बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। खुद पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बीते दिनों बांग्लादेश का दौरा करा था। उनके दौरे के बाद से चीन हरकत में आया है। उसने बांग्लादेश के सामने हथियारों की बड़ी डील रखी है। इस तरह से वह अपने रिश्ते मजबूत बनाने में लगा हुआ है।
नए विकसित हथियारों को लेकर चर्चा
चीन को भारत और बांग्लादेश के आर्थिक और सामरिक रिश्तों को लेकर शुरू से जलन थी। पीएम मोदी के दौर के बाद ही आनन-फानन में चीन ने हथियार बनाने वाली सरकारी कंपनी नोरिंको के एशिया पैसिफिक डिपार्टमेंट के मैनेजर को 11 अप्रैल को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बांग्लादेश भेजा। इस दौरान आधुनिक तोपों और नए विकसित हथियारों को लेकर चर्चा की गई।
टी-59 के अपग्रेडेशन
गौरतलब है कि 41 विशेषज्ञों का दूसरा विशेष दल अगले तीन माह तक यानी जुलाई तक बांग्लादेश के दौरे पर रहेगा। ये चीनी टी-59 के अपग्रेडेशन के लिए बांग्लादेश में रहेगा। इस घटनाक्रम पर भारत की भी पैनी नजर है। इस साल भारत ने भी बांग्लादेश से रिश्तों को और बेहतर करने के लिए वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया और हाल ही में थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को बांग्लादेश दौरान पर भेजा था।
27 अलग अलग तरह से समझौते
पाकिस्तान के बाद चीन अब बांग्लादेश में बड़े निवेश कर रहा है। साल 2016 चीन और बांग्लादेश के बीच रिश्ते रणनीतिक साझेदारियों में बदलने के प्रयास किए गए। दोनों देशों के बीच 27 अलग अलग तरह से समझौते हुए थे। चीन की तरफ से बेल्ट रोड इनिशियेटिव (बीआरआई) के तहत करीब 38 अरब डॉलर का निवेश हुआ। आंकड़े देखें तो दक्षिण एशिया में बांग्लादेश चीनी निवेश पाने वाला पाक के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
Published on:
20 Apr 2021 06:01 pm
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