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चीन कभी भी कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों को भुलाएगा नहीं : शी जिनपिंग

जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स के जन्म की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह बातें कहीं।

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Mohit Saxena

May 04, 2018

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बीजिंग। चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी का कहना है कि वह कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों पर चलती रहेगी।
उनके सिद्धांत आज भी पार्टी के लिए प्रासंगिक हैं। जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स के जन्म की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह बातें कहीं। 2012 में सत्ता में आए शी को चीनी नेता माओ जेदांग के बाद सबसे शक्तिशली नेता के रूप में देखा जा रहा है। शी, ने कहा है कि पार्टी को अपनी समाजवादी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि यह चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प को प्राप्त करने के लिए काम करता है।

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शुक्रवार को ग्रेट हॉल में संबोधित करते हुए शी ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के झंडे पर मार्क्सवाद लिखना बिल्कुल सही था। मार्क्सवाद आधुनिकीकरण को बढ़ावा देता जो बिल्कुल सही है। शी ने पार्टी के सभी सदस्यों को मार्क्सवादी कार्यों के पढ़ने और सिद्धांतों की जीवन शैली को समझने के लिए भी निर्देश दिए।

चीन सबसे बड़ा आत्मनिर्भर देश

शी ने कहा कि आज, चीन सबसे बड़ा आत्मनिर्भर देश है। उन्होंने कहा कि समाजवादी देश, आधुनिक पूंजीवादी समाज की सभी चीजों को व्यापक रूप से शहरी अभिजात वर्ग और ग्रामीण गरीबों के बीच भारी अंतर के रूप में प्रदर्शित करता है। इस वक्तव्य पर कई विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी अब अभी भी मार्क्सवाद से प्रेरित है बल्कि व्यावहारिक और आर्थिक चिंताओं को अन्य सभी से ऊपर रखती है। शी ने कहा कि पार्टी आधुनिक सिद्धातों पर चलती है मगर कार्ल मार्क्स को भूल नहीं सकती।

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कौन थे कार्ल मार्क्स

कार्ल हेनरिख मार्क्स एक जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री और वैज्ञानिक समाजवादी थे। इनका जन्म 5 मई 1818 को एक यहूदी परिवार में हुआ। 1824 में इनके परिवार ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया। 17 वर्ष की अवस्था में मार्क्स ने कानून का अध्ययन करने के लिए बॉन विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। इसके बाद उन्होंने बर्लिन और जेना विश्वविद्यालयों में साहित्य,इतिहास और दर्शन का अध्ययन किया। 1864 में लंदन में 'अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ' की स्थापना में मार्क्स ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी मृत्यु 1883 में हुई।