
taliban terrorist in afghanistan
नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से लगभग पूरे विश्व ने अफगानिस्तान से दूरी बना ली है और तालिबान को मान्यता देने के सवाल पर या तो चुप्पी साध ली है या स्पष्ट विरोध किया है। ऐसे में चीन और पाकिस्तान खुलकर तालिबान के साथ आ रहे हैं।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि दुनिया को अफगानिस्तान का समर्थन करना चाहिए, न कि उस पर दबाव डालना चाहिए। वांग यी ने ब्रिटिश विदेश सचिव डॉमिनिक रैब के साथ फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि अभी अफगानिस्तान सत्ता हस्तांतरण के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में विश्व को उस पर अनावश्यक प्रेशर डालने के बजाय अफगानिस्तान का समर्थन और मार्गदर्शन करना चाहिए। वांग ने यह भी कहा कि विश्व समुदाय को अफगानिस्तान की स्वतंत्रता और उनके लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए इसे भू-राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में उपयोग करने से बचना चाहिए।
चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान पर अधिक प्रेशर डालने के बजाय इसे पॉजिटिव दिशा में मोटिवेट करना चाहिए ताकि स्थिति को स्थिर किया जा सके। चीन ने कहा कि वह तालिबान से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और तालिबान पहले से ज्यादा स्पष्टवादी और विवेकशील हो गया है। चीन ने यह भी उम्मीद जताई कि वह महिलाओं के अधिकार संबंधी अपने वादे पूरे करेंगे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह से नियंत्रण ले लिया है और सत्ता पर अपना अधिकार जमा लिया है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी कुछ दिन पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं। ऐसे में समस्त विश्व की निगाहें अफगानिस्तान पर टिकी हुई हैं। वर्तमान में चीन ने तालिबान को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है परन्तु पिछले महीने तियानजिन में वांग ने तालिबान के राजनीतिक मामलों के प्रमुख मुल्ला बरादर का स्वागत किया था और कहा था कि तालिबान अफगानिस्तान में शांति और पुनर्निर्माण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
Updated on:
20 Aug 2021 10:45 am
Published on:
20 Aug 2021 09:56 am
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