
लंदन में अपनी मर्जी से कोरोना वायरस से संक्रमित होंगे 2500 लोग
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) महामारी से पूरी दुनिया पीड़ित है। तमाम देश इस महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल में जुटे हुए हैं। इस बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है।
दरअसल ब्रिटेन में एक ह्यूमन ट्रायल चैलेंज ( Corona Human Trial Challenge ) होने जा रहा है। इस चैलेंज के तहत लोग अपनी मर्जी से कोरोना वायरस से संक्रमित होंगे और इसके लिए उन्हें लाखों रुपए भी मिलेंगे। आईए जानते हैं क्या पूरा माजरा।
कोरोना संकट के बीच जहां पूरी दुनिया इससे निजात पाने में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ लंदन में एक ऐसा चैलेंज ट्रायल किया जा रहा है जिसमें लोग खुद इस वायरस से संक्रमित होंगे।
इस अस्पताल में होगा चैलेंज
लंदन के रॉयल फ्री अस्पताल में ये चैलेंज किया जाएगा। इसमें 2,500 ब्रिटिश नागरिक जानबूझकर कोरोना पॉजिटिव होंगे। इसके बाद इन्हें वैक्सीन दी जाएगी।
इसलिए किया जा रहा चैलेंज
ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि वैक्सीन परीक्षण के नतीजों को मॉनिटर किया जा सके।
पहले भी हो चुके ऐसे चैलेंज
आपको बता दें कि इससे पहले टायफाइड, मलेरिया और फ्लू जैसी बीमारियों के लिए इस तरह के ट्रायल किए जा चुके हैं।
वैक्सीन के काम में तेजी बड़ी वजह
कोरोना वैक्सीन को तेजी से काम में लाने के लिए ये ट्रायल किए जा रहे हैं। चैलेंज में भाग लेने वालों की उम्र 18 से 30 साल होगी। इस उम्र के लोगों में कोरोना से मरने का खतरा कम है।
मिलेंगे चार हजार पाउंड
इस चैलेंज में जो कोई भी हिस्सा लेगा और अपनी मर्जी से कोरोना वायरस से संक्रमित होगा चार हजार पाउंड्स यानी करीब चार लाख रुपए मिलेंगे।
दो हफ्ते क्लीनिक में रहेंगे लॉक
इस चैलेंज में 18 साल के एलिस्टर फ्रेजर भी होंगे, उन्होंने एक मीडिया हाउस को बताया कि उन्हें कम से कम दो हफ्तों के लिए क्लीनिक में लॉक रखा जाएगा और उनके शरीर को मॉनिटर किया जाएगा।
वहीं एक और चैलेंजर 29 वर्षीय जेनिफर राइट का कहना है कि, जब मुझे लोगों को सुरक्षित करने का मौका मिला तो मैं इसे गंवाना नहीं चाहती थी। इस वायरस का तोड़ निकालने वाली वैक्सीन का हम सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
अगले महीने से यानी जनवरी 2021 से ब्रिटेन में दुनिया का सबसे बड़ा और पहला ह्यूमन चैलेंज ट्रायल शुरू होगा। आपको बता दें कि इस तरह के ट्रायल्स 18वीं शताब्दी में वैज्ञानिक एडवर्ड जेनर ने किए थे।
उन्होंने अपने बगीचे में काम करने वाले बेटे को वायरस से संक्रमित कर दिया था ताकि वो ये देख सकें कि उनकी वैक्सीन उस वायरस पर प्रभावशाली है या नहीं।
Published on:
26 Dec 2020 12:55 pm
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