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अब बच्चों को चपेट में ले रहा कोरोना, सामने आए हैरान कर देने वाले आंकड़े

कोरोना वायरस को लेकर जिस बात की आशंका जताई जा रही थी, वो खतरा अब दिखाई देने लगा है, जहां वयस्कों का तेजी से वैक्सीनेशन हुआ वहां अब बच्चे बन रहे शिकार

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Dheeraj Sharma

Jul 14, 2021

Coronavirus infection on spread in childrens in high Vaccinated countries

Coronavirus infection on spread in childrens in high Vaccinated countries

नई दिल्ली। कोरोना संकट ( coronavirus ) के बीच जिस बात की आशंका जताई जा रही थी, वैसा ही खतरा दिखाई देने लगा है। कोरोना वायरस की चपेट में अब मासूम भी आ रहे हैं। ताजा अध्ययन के मुताबिक, जिन देशों में वयस्कों का तेजी से टीकाकरण हो रहा है, वहां बच्चों में कोरोना का संक्रमण ( Corona Infection ) बढ़ने लगा है।

यही वजह है कि चिकित्सा विज्ञानियों ने चेताया है कि जल्द से जल्द बच्चों के वैक्सीनेशन ( Vaccination ) की रणनीति पर अमल शुरू किया जाए।

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रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
प्रतिष्ठित मैगजीन नेचर में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन देशों में वयस्कों में ज्यादातर आबादी पर टीकाकरण हो चुका है, वहीं बच्चे कोरोना के निशाने पर आ गए हैं।

50 फीसदी से ज्यादा मामले 19 से कम उम्र वाले
इजरायल में सर्वाधिक 85 फीसदी वयस्कों का टीकाकरण हो चुका है। वहां हाल में नए संक्रमणों में बढ़ोतरी देखी गई है। इनमें से 50 फीसदी से भी अधिक मामले 19 साल से कम आयु वर्ग के लोगों में हैं।

जानकारों की मानना है कि वयस्कों को दोनों टीके लग जाने की वजह से उनमें सुरक्षा कवच बन गया है, ऐसे में ये वायरस बच्चों, किशोरों को चपेट में ले रहा है। नेचर की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रकार का रुझान अमरीका और ब्रिटेन में भी दिखने लगा है।

इजरायल में तेजी से पैर पसार रहा कोरोना
एक समय मास्क फ्री होने वाला इजरायल एक बार फिर कोरोना की चपेट में है। जून में यहां रोजाना आने वाले कोरोना संक्रमण के मामले एक दर्जन से भी नीचे थे, लेकिन अब यह प्रतिदिन 100 से ज्यादा हैं।

9 साल से कम उम्र वालों में 11.8 फीसदी केस
इजरायल की स्वास्थ्य एजेंसी के पांच जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण के 11.8 फीसदी मामले 0-9 साल के बच्चों में पाए गए हैं जबकि 10-19 साल की आयु में 39.6 फीसदी मामले मिले।
इसी तरह 51.4 प्रतिशत केस 19 साल से कम उम्र वालों में पाए गए हैं।

नेचर की रिपोर्ट की मानें तो 20 से 29 आयु वर्ग में वालों में 8.5 फीसदी कोरोना के कस हैं, जबकि 30-39 में यह आंकड़ा 6.8 फीसदी है। वहीं 40-49 में 11.4, 50-59 में 8.2, 60-69 में 8, 70-79 में 4.6, 89-89 में 1 और 90 से अधिक आयु में संक्रमण के 0.1 फीसदी मामले पाए गए। यानी कम उम्र वालों में ज्यादा तेजी से फैल रहा कोरोना।

इन देशों ने शुरू किया बच्चों का वैक्सीनेशन
कोरोना को बढ़ते खतरे के बीच इजरायल ने 15 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है। वहीं अमरीका में भी बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं। हालांकि अब तक ज्यादातर देशों में बच्चों के टीकाकरण को लेकर कोई योजना नहीं बन पाई है।

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भारत में क्या तैयारी?
भारत में भी जल्द ही बच्चों को लेकर वैक्सीन आ सकती है। फिलहाल देश में बच्चों के लिए कोई वैक्सीन नहीं है, लेकिन सितंबर आते-आते बच्चों के लिए वैक्सीन के तीन विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं। इसमें कोवैक्सीन, फाइजर और अब जाइडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन का नाम जुड़ गया है।

कोवैक्सीन का इस वक्त देश के अलग-अलग सेंटर पर 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल चल रहा है। इसके नतीजे सितंबर तक आ सकते हैं। जुलाई में ही इसके इमरजेंसी इस्तेमाल को लेकर अप्रूवल आ सकता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले के विशेषज्ञ जोसुआ गोल्डस्टेन के मुताबिक सभी देशों को वैक्सीनेशन की रणनीति में परिवर्तन करना होगा। इन आंकड़ों से साफ है कि बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।

इसी तरह यूरोपीयन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंसन एंड कंट्रोल स्टाकहोम के एक्सपर्ट निक बेंडले की मानें तो बच्चों में कोरोना के गंभीर संक्रमण की आशंका बहुत कम है। फिर भी बच्चों को टीके लगने जरूरी है।