राजधानी पेरिस में रातोंरात भड़के एक अनाधिकृत हिंसक प्रदर्शन के कारण फ्रांसीसी पुलिस ( French Police ) ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि 2016 में पेरिस में पुलिस हिरासत में एक अश्वेत व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके खिलाफ लोग अचानक सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन करने लगे।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार की शाम राजधानी के उत्तर में रिंग रोड के पास करीब 20 हजार लोगों ने पेरिस कोर्ट के सामने प्रदर्शन किया। ये लोग एडमा ट्रेवरे के लिए न्याय की गुहार लगा रहे थे, जिसे 2016 एक विवाद के चलते गिरफ्तार किया गया था और हिरासत में उसकी मौत हो गई थी।
प्रदर्शन के दौरान तब हिंसा भड़क गई जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रोजेक्टाइल को आग लगा दी, इसके बाद आग और तोड़फोड़ से संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। फिर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी।
ले फिगारो अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और प्रतिबंधित हथियार ले जाने के आरोप में पुलिस ने 17 को हिरासत में लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य फ्रांसीसी शहरों लिली, मार्सिले और लियोन में पुलिस हिंसा के खिलाफ भी रैलियों का आयोजन किया गया था।
मंगलवार की सुबह, पेरिस पुलिस ने घोषणा की कि प्रदर्शन अधिकृत नहीं था, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण 10 से अधिक लोगों की सार्वजनिक सभाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
अमरीका में व्यापक प्रदर्शन
आपको बता दें कि अमरीका के कई शहरों में व्यापक उग्र प्रदर्शन ( Protest In America ) हो रहा है। जॉर्ज फ्लॉयड नाम के एक शख्स की पुलिस कस्टडी में मौत हो जाने के बाद लोगों में काफी आक्रोश है। लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने हिंसात्क प्रदर्शन कर विरोध जताया। यही कारण है कि ट्रंप सरकार को सेना बुलानी पड़ी।
हालांकि कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से माफी मांगी और अपील की कि वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन करें। लेकिन लगातार 9वें दिन गुस्साए लोगों का प्रदर्शन जारी है।