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हाफिज सईद: इंजीनियरिंग का टीचर ऐसे बना खूंखार आतंकी, ये है पूरी कहानी

locationनई दिल्लीPublished: Jul 18, 2019 01:18:45 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

हाफिज सईद (Hafiz Saeed) पहले इंजीनियरिंग का टीचर था जो बाद में कट्टरपंथियों के संपर्क में आया
उसने जमात-उद-दवा (Jamaat-ud-dawa) और लश्कर-ए-तैयबा (lashkar-e-taiba) जैसे आतंकी संगठनों की स्थापना की

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हाफिज सईद

नई दिल्ली। भारत समेत पूरी दुनिया के लिए आतंक का पर्याय बन चुका हाफिज सईद पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया है। हाफिज की गिरफ्तारी से आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक उम्मीद जगी है, वहीं यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या इस बार उस पर कोई ठोस कार्रवाई होगी। मगर क्या आपको मालूम है कि इन दिनों आतंक का पर्याय बना हाफिज कभी इस्लाम का जानकार और इंजीनियरिंग का टीचर हुआ करता था?

जी हाँ, हाफिज सईद मौलवी होने के साथ इंजीनियरिंग का टीचर भी रहा है। सईद अरबी और इंजीनियरिंग का पूर्व प्राध्यापक रहा है। बताते हैं कि हाफिज सईद एक पढ़े-लिखे परिवार से ताल्लुक रखता है। फिर ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से हाफिज सईद आतंकी बन गया।

इंजीनियरिंग टीचर से आतंक का सफर

बताया जाता है कि हाफिज सईद कट्टरपंथियों के संपर्क में आया और उसने जमात-उद-दवा आतंकी संगठन की स्थापना की। यह एक कथित चरमपंथी इस्लामी संगठन है, जिसका मकसद भारत और उसे आसापास के क्षेत्रों में इस्लामी शासन स्थापित करना है। हाफिज ने यह संगठन तब बनाया था जब पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए।

आखिर पाकिस्तान को झुकना पड़ा, मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद गिरफ्तार

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लश्कर और जमात का खेल

11 सितंबर 2001 में अमरीका पर हुए हमलों के बाद लश्कर-ए-तैयबा कड़े प्रतिबंध लगाए गए। इसके बाद हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम जमात-उद-दावा रखा। हालांकि यह आतंकी इस बात से इनकार करता रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई आतंकी हमलों के बाद दिसंबर 2008 में जमात-उत-दावा को आतंकी संगठन घोषित किया था।

आतंक का दूसरा नाम है हाफिज सईद, जानिए ये खास बातें

कश्मीर को लेकर हाफिज सईद हमेशा आक्रमक रहा है। अपने भाषणों में उसने भारत पर आरोप लगाया है कि वह कश्मीर के युवाओं पर अत्याचार करता है। उनकों जेलों डालकर यातनाएं देता है। वह युवाओं को गुमराह करने के लिए कश्मीर से जुड़े वीडियो का सहारा लेता और उन्हें जेहाद के लिए तैयार करता है।
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भारत में खेला आतंक का खेल

मुंबई हमलों के बाद सईद पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बना इसके बाद पाकिस्तान ने उसे छह माह के लिए नजरबंद रखा था। लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे 2009 में रिहा कर दिया गया था। इसके अलावा हाफिज सईद जुलाई 2006 में मुंबई लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार धमाकों का भी आरोपी है।

भारत के आग्रह पर उसके खिलाफ इंटरपोल ने 25 अगस्त 2009 को रेड कार्नर नोटिस जारी किया था। रेड कॉर्नर नोटिस के बावजूद वह अकसर पाकिस्तान में खुलेआम घूमता दिखाई देता रहा है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में अकसर भारत के खिलाफ जहर उगलता है। भारत की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां कई वर्षों से इस खूंखार आतंकी की तलाश में लगीं हैं। दुनिया में ‘आंतकवाद के लिए जिम्मेदार’ लोगों की सूची में हाफिज सईद का भी नाम सबसे आगे है।

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