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हैदराबाद एनकाउंटर पर क्या कह रही है वैश्विक मीडिया? पढ़े रिपोर्ट

अमरीका से लेकर ब्रिटेन तक की मीडिया में छाया ये एनकाउंटर पुलिस की इस कार्रवाई को अलग-अलग तरीके से किया जा रहा पेश

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Hyderabad encounter International media

नई दिल्ली। हैदराबाद पुलिस ने गैंगरेप कर महिला डॉक्टर को जिंदा जलाने वाले आरोपियों को जो सजा दी है, उसकी चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही है। शुक्रवार तड़के मामले के चारों आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। इस खबर को वैश्विक मीडिया ने भी काफी प्रमुखता से लिया है। अमरीका से लेकर ब्रिटेन तक कई देशों की मीडिया ने इस कार्रवाई को मिले भारी जन समर्थन को काफी हाईलाइट किया है। इसके साथ ही विदेशी मिडिया ने गैर न्यायिक मृत्युदंड की बढ़ती घटनाओं पर भी ध्यान दिलाया है।

भारत में एनकाउंटर की अलग परिभाषा

अमरीकी अखबार 'वॉशिंगटन पोस्ट' ने इस एनकाउंटर पर एक विस्तृत रिपोर्ट निकाली है। इसमें कहा गया है कि चारों आरोपियों की मौत से महिलाओं के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों की शृंखला में फंसे देश के कुछ हिस्सों में खुशी की लहर छाई हुई है। रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि कार्यकर्ताओं और वकीलों ने इन मुठभेड़ों पर सवाल किया है। अपनी रिपोर्ट में अखबार ने आगे यह भी लिखा है कि संदिग्ध अपराधियों का पुलिस द्वारा एनकाउंटर भारत में इतना व्यापक है कि उसकी उन्होंने अपनी ही परिभाषा बना ली है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है यहां ऐसी कुछ घटनाओं को ‘एनकाउंटर’ के नाम से जाना जाता है। इसको अंजाम देने वाले अधिकारी आमतौर पर इसे सेल्फ-डिफेंस में उठाया गया कदम बताते हैं। लेकिन कार्यकर्ताओं का मानना है कि अमूमन ऐसे पुलिस अधिकारियों को आम माफी का लाभ मिल जाता है। साथ ही इन हत्याओं में पूरी जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता।

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एक अन्य अखबार 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने हैदराबाद गैंगरेप घटना को हाल के महीनों में घटे भारत का सबसे ज्यादा परेशान करने वाला दुष्कर्म का मामला बताया है। अपनी रिपोर्ट में अखबार ने कहा कि रूह कंपा देने वाली इस घटना का शुक्रवार को अचानक और स्तब्ध समापन हुआ।

बीबीसी ने एनकाउंटर और पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर आई लोगों की प्रतिक्रिया को लेकर खबर छापी है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि लोग पुलिस की सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि न्याय हो गया। अपनी रिपोर्ट में बीबीसी ने निर्भया गैंगरेप का भी जिक्र किया है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि उस दौरान भी महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर काफी बुलंद आवाज उठी थी, लेकिन अपराध में कोई कमी नहीं आई।

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वहीं, ब्रिटिश समाचार पत्र 'द गार्जियन' और 'द टेलीग्राफ' ने भी अपने संस्करण में एनकाउंटर की खबर को तवज्जो दी है। इसके अलावा द टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा था। इसी गुस्से के चलते आरोपियों को कोर्ट में भी पेश नहीं किया जा सका था। इसके अलावा पाकिस्तानी अखबार डॉन न्यूज ने भी लिखा है कि भारत की पुलिस मुंबई, पंजाब और कश्मीर जैसे इलाकों में गैर न्यायिक हत्या या एनकाउंटर करने में माहिर है।