
पत्रकार जमाल खागोशी की हत्या में सऊदी प्रिंस से जुड़े तार, दूतावास से शाही कार्यालय में आए थे चार कॉल
वाशिंगटन। पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की पुष्टि के बाद अब जांच प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, मगर इससे पहले ही कई चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। एक सरकारी तुर्की समाचार पत्र के अनुसार जिस दिन खागोशी की मौत हुई थी,उसी दिन सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के एक सदस्य ने इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास से शाही कार्यालय में चार कॉल किए थे।
कार्यालय के प्रमुख बदर अल-असकर के पास गईं थीं कॉलें
इस रिपोर्ट के अनुसार इस साल संयुक्त राज्य अमरीका,फ्रांस और स्पेन की यात्रा पर राजकुमार सलमान के सर्कल के सदस्य माहेर अब्दुलाजिज मुरेब ने वाणिज्य दूतावास से फोन किया था। यह चार कॉल प्रिंस मोहम्मद के कार्यालय के प्रमुख बदर अल-असकर के पास गईं। यह भी कहा गया कि एक अन्य कॉल संयुक्त राज्य अमरीका गई। वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रसेप तय्यिप एर्दोगान ने दावा किया है कि खशोगी की हत्या का ब्योरा वो जल्द ही सबके सामने रखेंगे। अधिकारियों का कहना है कि 15 सदस्यीय सऊदी टीम दो अक्टूबर को इस्तांबुल पहुंची थी,क्योंकि वे जानते थे कि खशोगी शादी करने के लिए आवश्यक दस्तावेज के लिए पहुंचने वाले थे।
देश छोड़ने से भी मना किया गया था
खगोशी के एक सऊदी दोस्त जो उनकी मौत से पहले उनके साथ लगातार संपर्क में थे,उन्होेंने बताया कि खशोगी पर यात्रा प्रतिबंध था और बीते साल से ही उन्हें देश छोड़ने से भी मना किया गया था। वहीं मीडिया के मुताबिक वाणिज्य दूतावास के पांच तुर्की कर्मचारियों ने सोमवार को अभियोजकों को साक्ष्य भी दिए। इस्तांबुल के मुख्य अभियोजक ने साक्ष्य देने के लिए तुर्की नागरिकों और विदेशी नागरिकों सहित सऊदी वाणिज्य दूतावास के 28 और कर्मचारियों के सदस्यों को बुलाया था। साथ ही कुछ तुर्की कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें निर्देश दिया गया था कि खशोगी के गायब हो जाने के दौरान काम पर न जाएं। दरअसल जमाल खशोगी पिछले कुछ हफ्तों से लापता थे। उन्हें आखिरी बार इस्तांबुल के सऊदी अरब दूतावास में दाखिल होते हुए देखा गया था। यहां से उनके बाहर जाने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। इस दौरान यह खबरें भी आईं कि उनकी हत्या कर दी गई है, लेकिन सऊदी लगातार इससे इनकार करता रहा। हालांकि खुद सऊदी अरब ने इस बात की पुष्टी कर दी कि जमाल खशोगी तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में मारे गए हैं।
इस बात का संदेह
तुर्की के अधिकारियों को शक था कि जमाल खशोगी के शव को काटा गया था लेकिन सऊदी अधिकारी ने बताया कि खशोगी के शव को एक स्थानीय सहकर्मी को डिस्पोजल के लिए दे दिया गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या खशोगी पर अत्याचार या फिर उनके सिर पर वार किया गया था? अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं। अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है। तुर्की के सूत्रों के मुताबिक तुर्की अथॉरिटी के पास घटना से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप भी है लेकिन उसे अभी तक रिलीज नहीं किया गया है।
Published on:
23 Oct 2018 10:08 am
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