
नई दिल्ली। भारत सहित कई अन्य देशों ने कहा है कि अफगानिस्तान में सैन्य शक्ति के आधार पर बनाई गई सरकार को मान्यता नहीं देंगे। जर्मनी, तुर्की, कतर और भारत सहित कई देशों ने अफगानिस्तान में चल रही हिंसा तथा हमलों को तुरंत समाप्त करने की भी अपील की है।
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर दोहा में दो अलग-अलग बैठकें भी आयोजित की गई थी। इन बैठकों के बाद मीटिंग में शामिल देशों ने एक बयान जारी कर रहा कि यह काफी जरूरी मसला है और अफगान शांति प्रक्रिया में तुरंत तेजी लाने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि अमरीकी सेनाओं द्वारा अफगानिस्तान छोड़ने की घोषणा के बाद से तालिबान का प्रभाव देश में बढ़ता जा रहा है। कंधार और हेरात सहित देश के आधे से अधिक प्रांतों की राजधानियां तथा बड़े शहर तालिबान के कब्जे में आ चुके हैं और वे काबुल के बहुत नजदीक पहुंच चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक तालिबान और सरकारी सुरक्षा बलों के बीच चल रही झड़पों में नागरिकों की मृत्यु हो रही है। ऐसी स्थिति में बैठक आयोजित कर इस मसले को जल्दी सुलझाने के उपाय किए जा रहे हैं।
बैठक में शामिल होने वाले सभी देशों ने तालिबान और अफगान सरकार से शांति बहाली की अपील करते हुए कहा कि वे आपसी विश्वास बनाते हुए समस्या का राजनीतिक समाधान ढूंढें ताकि जल्द से जल्द संघर्षविराम हो सके।
आपको बता दें कि इस सम्बन्ध में अफगानिस्तान सरकार ने पहले ही तालिबान को सरकार में शामिल होने का प्रस्ताव रखा है ताकि देश में शांति की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकें।
Published on:
14 Aug 2021 12:12 pm
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