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अमरीकी नागरिकता पाने के लिए भारतीयों को करना होगा सौ साल का इंतजार

यह जानकारी अमेरिका के नागरिकता व आव्रजन सेवा विभाग ने दी है।

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अमरीकी नागरिकता पाने के लिए भारतीयों को करना होगा सैंकड़ों साल का इंतजार

नई दिल्ली। अमरीकी नागरिक बनने के लिए भारतीयों में होड़ सबसे अधिक होती है। भारत से इंजीनियर,डॉक्टर और तकनीशियन सबसे अधिक अमरीका की ओर रुख करते हैं। मगर इन सभी के लिए बुरी खबर यह है कि इन्हें अब ग्रीन कार्ड पाने के लिए सौ साल का इंतजार करना पड़ सकता है। अमरीका के केट इंस्टीट्यूट ने एक अध्ययन के आधार पर यह जानकारी दी है। यह जानकारी अमेरिका के नागरिकता व आव्रजन सेवा विभाग ने दी है। इसमें आवेदन की संख्या के आधार पर यह जानकारी दी गई है। करीब छह लाख भारतीयों ने ग्रीन कार्ड पाने के लिए अर्जियां लगाईं हैं। मगर एक देश से कुल आवेदन में से सिर्फ सात प्रतिशत ही लोगों को ग्रीन कार्ड उपलब्ध होता है। ऐसे में कई भारतीय ग्रीन कार्ड न मिलने पर देश में वापस लौटना पड़ सकता है।

भारतीयों पर सबसे अधिक असर

ग्रीन कार्ड धारकों को अमरीका में वैध रूप से स्थाई निवास मिल जाता है,यह अमेरिकी नागरिकता पाने का पहला कदम है। अमेरिका में बसने की इच्छा रखने वालों में दूसरे पायदान पर चीनी नागरिक हैं। इनकी संख्या 67,031 है। जो अवसरों और उपलब्धियों से भरा देश माना जाता रहा है। यही नहीं, इसी जून माह में अमेरिका उन लाखों भारतीय महिलाओं को भी वापस भेज सकता है, जिनके जीवनसाथी वहां पहले से ही नौकरियों में हैं। दरअसल ट्रंप-प्रशासन एच-1 बी वीजा के उस प्रावधान को रद कर सकता है, जिसके तहत पति व पत्नी, दोनों अमेरिका में रहकर नौकरी कर सकते थे।

बेरोजगारी बना सबसे बड़ा कारण

देश मे बेरोजगारी के कारण भारत के लोग विदेश जाने का प्रयास करते हैं। अमरीका भारतीयों का सबसे पसंदीदा राष्ट्र है। इसके साथ अमरीका के लोगों के पास पर्याप्त स्किल नहीं है। ऐसे में अमरीकी कंपनियां भारतीयों को पसंद करतीं हैं। ट्रंप चिंतित हैं कि आइटी टेक्नोक्रेट के बहाने जो आइटी प्रोफेशनल्स अमेरिकी संस्थाओं व कंपनियों पर प्रभावी होते जा रहे हैं वे मूल-अमेरिकियों के लिए खतरा हैं। अमेरिकी संस्थाओं में बेदखली और बेरोजगारी का कारण भी बन रहे हैं। ट्रंप अपने भाषणों में अमरीका फर्स्‍ट की नीति को महत्व देते रहे है। उनका मनाना है कि सबसे अधिक नौकरी अमरीकियों को मिलनी चाहिए।