scriptउइगर मुसलमानों का जमकर नरसंहार कर रही जिनपिंग सरकार, दी जा रही हैं प्रताडऩाएं | Jinping government is massacring Uigar Muslims, giving harassment | Patrika News

उइगर मुसलमानों का जमकर नरसंहार कर रही जिनपिंग सरकार, दी जा रही हैं प्रताडऩाएं

Published: Feb 15, 2021 08:05:32 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

Highlights.- शी जिनपिंंग की सरकार उइगर मुसलमानों का जमकर नरसंहार कर रही है- उइगर मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में नुकसान पहुंचाने के लिए सजाएं तय है- लीगल ओपिनियन ने यह खुलासा सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर किया है
 

uighers.jpg
नई दिल्ली।

चीन में शी जिनपिंंग की सरकार उइगर मुसलमानों का जमकर नरसंहार कर रही है। यही नहीं, उइगर मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में नुकसान पहुंचाने के लिए कई तरह की सजाएं भी तय की गई हैं। यह खुलासा ब्रिटेन में प्रकाशित लीगल ओपिनियन में किया गया है।
लीगल ओपिनियन ने यह खुलासा विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर किया है। इसमें बताया गया है कि चीनी सरकार के ऐसे फैसलों के प्रमाण हैं, जो चीन की सरकार के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में बड़े पैमाने पर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नष्ट करने के उनके इरादे को बता रहा है।
चीन में उइगर मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटरों में रखा गया है। इन सेंटरों में इन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए विभिन्न तरह की सजाएं तय की गई हैं। इनमें उइगर महिलाएं बच्चों को जन्म नहीं दे सकें, इसके लिए उन्हें तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर प्रजनन से रोका जा रहा है। इसमें नसबंदी कराना, गर्भपात कराना भी शामिल है। इसके अलावा उइगर समुदाय के बच्चों को किसी अन्य समुदाय के साथ जबरदस्ती रहनेे को मजबूर किया जा रहा है।
लीगल ओपिनियन की रिपोर्ट के मुताबिक, कई ऐसे मामले हैं, जो सीधे तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को मानवता के खिलाफ हो रहे इस अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। उइगर मुसलमानों को टारगेट करने के लिए शी जिनपिंग की इस मामले में संलिप्तता उनके खिलाफ संभावित जनसंहार के मामले को और पुख्ता करती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिन साक्ष्यों के आधार पर यह बात कही जा रही है, उसके तहत शिनजियांग प्रांत में मानवता के खिलाफ सामूहिक अपाराध है जो जनसंहार की श्रेणी में आता है।
बता दें कि यह लीगल ओपिनियन काफी अहम माना जा रहा है और ऐसा इसलिए है क्योंकि यह किसी क्षेत्र के जानकारों और विशेषज्ञों का एक औपचारिक फैसला होता है। ये विशेषज्ञ सबूतों और पूरे मामले में कानून के गहन अध्ययन के बाद ही कोई निष्कर्ष देते हैं। अहम यह भी है कि इन्हें कानूनी कार्यवाहियों में इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो