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Justice U U Lalit का फैसला, आंध्र प्रदेश के सीएम के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को दूर रखेंगे

Highlights आंध्र प्रदेश के सीएम ने 6 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरोप लगाया था। सीएम का आरोप था कि चुनी गई सरकार को अस्थिर करने और गिराने में उच्च न्यायालय का इस्तेमाल हो रहा।

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Judge U U Lalit

जस्टिस यूयू ललित

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit) ने सोमवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई को लेकर खुद को दूर कर लिया है, जिनमें आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगनमोहन रेड्डी (CM YS Jaganmohan Reddy) के खिलाफ न्यायपालिका पर आरोप लगाने के मामले में कार्रवाई का आग्रह किया गया है।

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जस्टिस ललित का कहना है ‘‘मेरे लिए कठिन है। एक वकील के तौर पर मैंने एक पक्ष का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा कि वे इसे उस पीठ के समय सूचीबद्ध करने के लिए आदेश पारित करेंगे जिसमें वे नहीं होंगे।

जस्टिस ललित, जस्टिस विनीत सरण और जस्टिस एस.रवींद्र भट्ट की बेंच को तीन याचिकाओं पर सुनवाई करनी थी। इन याचिकाओं में आरोप लगा है कि रेड्डी ने न केवल न्यायपालिका के खिलाफ आरोप लगा प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखे, वहीं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झूठे बयान भी दिए।

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गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के सीएम ने बीते माह छह अक्टूबर को एक पत्र लिखकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) पर आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि लोकतांत्रिक तरह से चुनी सरकार को अस्थिर करने और गिराने के लिए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का उपयोग हो रहा है। ये तीन अलग-अलग याचिकाएं हैं। ये याचिकाएं वकील जी एस.मणि, वकील सुनील कुमार सिंह तथा ‘एंटी-करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट' की ओर से भी दायर की गई हैं।