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Corona fear : जानिए, वायरस को लेकर दुनिया में फैली ये आशंकाएं कितनी सच निकली

-फेस मास्क, मौसम और घरेलू हिंसा को लेकर की गई थी भविष्यवाणी

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Pushpesh Sharma

Mar 16, 2021

Corona fear : जानिए, वायरस को लेकर दुनिया में फैली ये आशंकाएं कितनी सच निकली

वायरस को लेकर दुनिया में फैली ये आशंकाएं कितनी सच निकली

11 मार्च को कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित किए एक वर्ष हो गया। इस दौरान दुनियाभर में महामारी को लेकर कई तरह के अनुमान लगाए गए, कुछ आशंकाएं प्रकट की गई। हालांकि इनमें कुछ वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित थी, कुछ राजनीति से प्रेरित तो कुछ गलत सूचनाएं साबित हुईं।

1. फ्लू की तरह मौसम का असर होगा : गलत
फ्लू की तरह कोरोना महामारी सर्दी में तेजी से बढ़ेगी, जबकि गर्मी में इसका असर कम होने लगेगा। हालंाकि यह धारणा गलत साबित हुई। अमरीका, भारत सहित कई देशों में गर्मियों में मामले तेजी से बढ़े, लेकिन सर्दियों में इसका आकार कम होने लगा। सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और हाथ धोने जैसे उपाय कारगर रहे।

2. घरेलू हिंसा के मामले बढ़ सकते हैं : सही
लॉकडाउन के कारण जब लोग घरों में कैद रहने लगे तो इसका खमियाजा सबसे ज्यादा महिलाओं ने उठाया। क्योंकि उन पर आर्थिक और पारिवारिक दबाव बढ़ गया। इसके अलावा नौकरी छूटने और स्कूल बंद होने से बच्चों की अतिरिक्त जिम्मेदारी का सबसे ज्यादा असर भी महिलाओं पर ही रहा।

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3. फेस मास्क से बचाव नहीं होगा : गलत
फेस मास्क को लेकर काफी विवाद रहे। शुरुआत में अमरीकी चिकित्सा विभाग ने हिदायत दी कि मास्क जरूरी नहीं है। ये मास्क और संसाधनों की कमी को ढंकने का प्रयास था। लेकिन जब पता चला कि यह श्वास और बूंदों से फैलता है, तब इसकी अनिवार्यता समझी। एशियाई देशों ने शुरू से इस पर विशेष ध्यान दिया।

4. शरणार्थी शिविर रहेंगे वायरस स्प्रेडर : मिश्रित
शरणार्थियों को लेकर यह आशंकाएं फैली कि तंग जगह और स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं के बिना शरणार्थी शिविर वायरस के स्प्रेडर बनेंगे। लेकिन बांग्लादेश से ग्रीस व केन्या तक महामारी के शुरुआत में ही लॉकडाउन लगाने से कम फैला। हालांकि टीकाकरण से वंचित रहने पर ये आशंका बढ़ सकती है।

5. समुद्र तटों पर ज्यादा फैलेगा वायरस : गलत
अमरीका सहित कई यूरोपीय देश गर्मी होने के कारण समुद्र तटों पर आने लगे। विशेषज्ञों का मानता है कि घर की बजाय ऐसे स्थानों पर वायरस तेजी से फैलता है। इस बीच सरकार ने ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिबंध और वेबसाइट के अलावा ड्रोन से भी मदद ली। हालांकि ये चिंताएं निर्मूल साबित हुईं।

6. वायरस ट्रेसिंग ऐप कारगर होंगे : मिश्रित
चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इजराइल सहित कई देशों ने कोरोना वायरस पर काबू करने के लिए ट्रेसिंग ऐप को रणनीति का प्रमुख हिस्सा बनाया। हालांकि यूरोपीय देशों ने डेटा सुरक्षा पर संदेह के कारण इसका सीमित प्रयोग किया। कुल मिलाकर कई खामियों के कारण यह पूरी तरह कारगर नहीं था।