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Lebanon के राष्ट्रपति का बयान, विस्फोट के कारणों का अब तक कोई पुख्ता सबूत नहीं, वैश्विक मदद की मांग की

Highlights संयुक्त राष्ट्र मानाधिकार उच्चायुक्त के प्रवक्ता रूपर्ट कॉलविले ने वैश्विक स्तर पर लेबनान की मदद करने की अपील की है। फ्रांस और रूस का बचाव दल अपने खोजी कुत्तों के साथ शुक्रवार को बंदरगाह पर पहुंच गया।

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Mohit Saxena

Aug 08, 2020

beruit expoosion

धमाके में दस किलो मीटर का क्षेत्र तबाह हो गया।

बेरूत। लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए धमाके की जांच जारी है। शुक्रवार को भी जांच टीम की खोजबीन जारी रही। इस घटना में अबतक 154 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। वहीं करीब 3700 लोग जख्मी हुए हैं। इस विस्फोट के कारण अनाज के बड़े गोदाम तबाह हो गए और बंदरगाह के आसपास के इलाके पूरी तरह से ध्वस्त हो गए।

शीशा और मलबा दिखाई पड़ा

शहर में चारों ओर शीशा और मलबा दिखाई पड़ा है। इस बीच लेबनान के राष्ट्रपति माइकेल आउन (President Michel Aoun) का कहना है कि विस्फोट की वजह का अब तक कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आए हैं। ऐसा हो सकता है कि इसके पीछे रॉकेट, बम या अन्य बाहरी ताकत का हाथ हो। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच हो रही है कि विस्फोटक पदार्थ कहा से और कैसे आया। क्या विस्फोट लापरवाही का नतीजा था।

स्वतंत्र जांच की अपील

संयुक्त राष्ट्र ने इस मामले को लेकर स्वतंत्र जांच कराने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र मानाधिकार उच्चायुक्त के प्रवक्ता रूपर्ट कॉलविले ने वैश्विक स्तर पर लेबनान की मदद करने के की अपील की है। उनके अनुसार लेबनान इस समय सामाजिक-आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कोविड-19 और अमोनियम नाइट्रेट धमाके के कारण उसकी मुसीबतें बढ़ गई हैं।

फ्रांस और रुस के बचाव दल पहुंचे

फ्रांस और रूस का बचाव दल अपने खोजी कुत्तों के साथ शुक्रवार को बंदरगाह पर पहुंच गए। उन्होंने अपना खोजी अभियान चलाया। एक दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने घटनास्थल का दौरा किया था। उन्होंने सहायता का वादा किया था। इस विस्फोट में 2750 टन एमोनियम नाइट्रेट का उपयोग हुआ था। बताया जा रहा है कि इस विस्फोटक को 2013 में एक पोत से जब्त किया गया था। तब से यह बंदरगाह पर रखा था।

इस घटना को लेकर सरकार की कड़ी निंदा

विस्फोट को लेकर सरकार ने जांच शुरू कर दी है। वहीं सरकार की जबरदस्त आलोचना भी हो रही है। कई देशवासी घटना के लिए लापरवाही और भ्रष्टाचार दोषी ठहराया है। विस्फोट के पीड़ितों का पता लगाने में मदद के लिए कई देशों ने खोज एवं बचाव दल भेजे हैं।

तीन लाख लोग घर लौट पाने की हालत में नहीं हैं लोग

विस्फोट के बाद अभी भी दजर्नों लोग लापता बताए जा रहे हैं। बेरूत के करीब तीन लाख लोग अपने घर नहीं जा रहे हैं। विस्फोट के कारण उनके घरों की दरवाजे और खड़कियां उड़ गईं। कई इमारतें रहने लायक नहीं हैं। इसे विस्फोट में दसे से 15 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।