Research में खुलासा- घरों के भीतर कोविड संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा
दुनिया की बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनियों में शुमार मर्क एंड कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केन फ्रैजियर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि इबोला का टीका विकसित करने में साढ़े पांच साल, टीबी का टीका 13 साल, रोटावायरस का 15 और चिकनपॉक्स का टीका विकसित करने में 28 साल लगे। एचआइवी का टीका आज तक विकसित नहीं हो सका, क्योंकि किसी टीके को विकसित करने की प्रक्रिया में लंबा समय लगता है। कई कड़े वैज्ञानिक परीक्षणों से गुजरने के बाद टीका विकसित होता है। हमें तो अभी तक यह भी नहीं मालूम है कि कोरोना वायरस कैसे शरीर के इम्युन सिस्टम को प्रभावित करता है।
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टीका कैसे काम करता है, जानना जरूरी
यह पहले से निश्चित नहीं किया जा सकता है कि विकसित की जा रही वैक्सीन संबंधित मरीज के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। अतीत में विकसित किए गए कई टीके इसका उदाहरण हैं जो शरीर के इम्युन सिस्टम को मजबूत तो करते हैं लेकिन पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं। कुछ ऐसे टीके भी पाए गए जो वायरस के लिए मददगार साबित हो जाते हैं, इस बारे में स्वाइन फ्लू की वैक्सीन का उदाहरण दिया जा सकता है। कोविड वैक्सीन को अरबों लोगों पर प्रयोग से पहले यह जानना सबसे महत्त्वपूर्ण है कि यह टीका शरीर में किस तरह से और कैसे काम करता है।
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सबसे अधिक आबादी के लिए होगा कोरोना टीका
कोरोना का टीका अभी तक विकसित किए गए टीकों में सबसे अधिक आबादी को लगने वाला टीका होगा। इसलिए इसे दुनिया भर में टीका मुहैया कराना, जल्द से जल्द लगना बड़ी चुनौती होगी। पिछले 30 वर्षों में सात नए टीके विकसित किए गए, जिनमें सबसे पहले 4 टीके मर्क एंड कंपनी ने विकसित किए हैं।