
Muslims call for French goods boycott to protest caricatures of Prophet Muhammad
पेरिस। फ्रांस ( France ) की राजधानी पेरिस ( Paris ) में पिछले दिनों इतिहास के एक शिक्षक की गला काटकर हत्या को लेकर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ( France President Emmanuel Macron ) की ओर से दिए गए बयान के बाद से अब मुस्लिम देश भड़क गए हैं। तमाम मुस्लिम देशों ने मैक्रों के बयान के बाद फ्रांसीसी सामानों के बहिष्कार ( Muslims Call Boycott French Products ) की मांग तेज कर दी है।
दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हमले की निंदा करते हुए घटना को इस्लामिक आतंकवादी हमला करार दिया था। इस बयान के बाद अब अरब सहित अधिकतर मुस्लिम देशों में फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार की मांग तेज हो गई है। सोशल मीडिया ( Social Media ) पर सभी फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार को लेकर मुहिम छिड़ गई है। यहां तक की कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुवैत, जॉर्डन और कतर में कई दुकानों से फ्रांस के बने हुए सामानों को हटा दिया गया है। तो वहीं तुर्की, पाकिस्तान, बांग्लादेश में फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
बता दें कि तमाम मुस्लिम देशों की ओर से किए जा रहे बहिष्कार और हो रही आलोचना को लेकर राष्ट्रपति मैक्रों ने देश की सेक्युलर छवि को दर्शाते हुए एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि हम कभी भी हार नहीं मानेंगे और शांति की भावना के साथ सभी मतभेदों का सम्मान करते हैं। मैक्रों ने कहा कि हम अभद्र भाषा को स्वीकार नहीं करते हैं और उचित बहस का बचाव करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम हमेशा मानवीय गरिमा और सार्वभौमिक मूल्यों के पक्ष में रहेंगे।
अरब देशों ने जताया विरोध
राष्ट्रपति मैक्रों के बयान को लेकर अरब देशों में व्यापक विरोध-प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। औपचारिक तौर पर अरब देशों ने विरोध जताया है। यमन मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता तवाक्कोल कामरान ने कहा कि इस्लाम को लेकर मैक्रों के बयान से उनकी असहिष्णुता और घृणा का पता चलता है और यह फ्रांस जैसे देश के प्रमुख के लिए शर्मनाक है।
जहां एक ओर कुवैत की सुपरमार्केट चेन चलाने वाली अलनईम कोऑपरेटिव सोसाइटी, इकला कोऑपरेटिव सोसाइटी, सबर्ब ऑफ्टरनून एसोसिएशन और साद अल अब्दुल्ला सिटी कोऑपरेटिव सोसाइटी ने फ्रांसीसी उत्पादों को हटाने का ऐलान किया है। वहीं, दूसरी तरफ कतर की अलवाजबा डेयरी कंपनी और अलमेरा कंज्यूमर गुड्स कंपनी ने भी फ्रांंसीसी उत्पादों के बहिष्कार की घोषणा की है।
कतर यूनिवर्सिटी ने भी इस्लाम के अपमान के विरोध में फ्रेंच कल्चरल वीक को स्थगित कर दिया है। यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा, 'इस्लामिक मान्यताओं और प्रतीकों का किसी तरह का अपमान या उल्लंघन स्वीकार नहीं किया जाएगा'।
सोशल मीडिया पर फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार की अपील
बता दें कि पिछले शुक्रवार को राष्ट्रपति मैक्रों ने अपने एक बयान में कहा था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है, जिससे सिर्फ फ्रांस ही नहीं, बल्कि आज पूरी दुनिया संकट में है। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें डर है कि फ्रांस की करीब 60 लाख मुसलमानों की आबादी समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़ सकती है।
इस बयान के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की जाने लगी और देखते ही देखते कई हैशटैग ट्रेंड करने लगा। ट्विटर, फेसबुक और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर #BoycottFrenchProducts, #BoycottFrance Products, #boycottfrance #boycott_French_products #ProphetMuhammad ट्रेंड कर रहा है।
इतना ही नहीं, कई देशों में सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्विटर और फेसबुक पेज पर 'मुहम्मद मैसेंजर ऑफ अल्लाह' के बैनर के साथ अपनी प्रोफाइल तस्वीरें बदल दी हैं।
भारत में भी सोशल मीडिया पर फ्रांस का विरोध ट्रेंड कर रहा है। कई यूजर्स ने फ्रांसीसी समानों के बहिष्कार का समर्थन किया है। हालांकि, अभी तक भारत में कहीं से सामाजिक विरोध की खबर नहीं है। भारत की सोशल मीडिया में #Boycott_French_Products और #boycottfrance ट्रेंड कर रहा है।
Updated on:
27 Oct 2020 07:02 am
Published on:
26 Oct 2020 11:51 pm
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