scriptअब माउंट एवरेस्ट पर ड्रैगन की नजर, नेपाल में उठने लगे विरोधी सुर | Nepal is Against Chinese interfere Mount everest | Patrika News

अब माउंट एवरेस्ट पर ड्रैगन की नजर, नेपाल में उठने लगे विरोधी सुर

locationनई दिल्लीPublished: May 10, 2020 04:35:31 pm

Submitted by:

Mohit sharma

विस्तारवादी नीति से बाज नहीं आ रहा ड्रैगन के नाम से कुख्यात चीन ( China )
इस बार चीन ( China ) की नजर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर है

अब माउंट एवरेस्ट पर ड्रैगन की नजर, नेपाल में उठने लगे विरोधी सुर

अब माउंट एवरेस्ट पर ड्रैगन की नजर, नेपाल में उठने लगे विरोधी सुर

नई दिल्ली। ड्रैगन के नाम से कुख्यात चीन ( China ) अपनी विस्तारवादी नीति ( Expansionary policy ) से बाज नहीं आ रहा है। इस बार चीन की नजर किसी और पर नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट ( Mount everest ) पर है। एवरेस्ट चीन के तिब्बत ( Tibet ) स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है। चीन के सरकारी टीवी चैनल चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क ( CGTN ) की ऑफिशियल वेबसाइट ने माउंट एवरेस्ट की कुछ तस्वीरें छापी हैं। CGTN ने ट्वीट कर इसको माउंट चोमोलुंगमा पर सूरज की रोशनी का शानदार नजारा बताया है।

दिल्ली : AAP विधायक प्रकाश जारवाल को डॉक्टर सुसाइड केस के आरोप में दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ( Jawaharlal Nehru University ) में चाइनीज स्टडीज ( Chinese studies ) के प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने CGTN के ट्वीट के बारे में बताया कि चीन तिब्बत और माउंट एवरेस्ट पर अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। कोंडापल्ली ने बताया कि एवरेस्ट तिब्बत की ओर काफी दुर्गम है, जबकि चीन की तरफ से इसका इस्तेमाल न के बराबर होता है। पर्वतारोही भी वहां चढ़ाई करने में बचते हैं, जबकि वीजा पाना भी उनके लिए एक अलग समस्या है। दरअसल, एक्सपर्ट एवरेस्ट पर चीन के ओर से लगे 5जी नेटवर्क ( 5G network ) से चिंतित हैं।

एक्सपर्ट्स ने इसको एक विवादास्पद कदम बताया है। इसका सबसे बड़ा सामरिक पहलू है। क्योंकि 5जी नेटवर्क समुद्र तल से 8,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है। ऐसे में चीन भारत के साथ बांग्लादेश और म्यांमार पर अपनी नजर रख सकता है।

COVID-19: अद्र्धसैनिक बलों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे से परेशान गृह मंत्रालय

इसका एक पहलू यह भी है कि एवरेस्ट का सबसे अधिक इस्तेमाल नेपाल की ओर से होता है। लेकिन चीन अपने टेक्नोलॉजी के बल पर तिब्बत ओर से वाले एवरेस्ट के हिस्से को विकसित करने में लगा है। अब चीनी सरकारी टीवी चैनल की वेबसाइट में माउंट एवरेस्ट को अपना बताया है, जिससे उसके इरादों का पता चल गया है। चीन का यह कदम उसके और नेपाल के संबंधों में जहर घोल सकता है। यहां तक कि नेपाल ने इसको लेकर अपनी आवाज भी उठानी शुरू कर दी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो