बिहार: बक्सर के गंगा घाट पर रहस्यमयी ढंग से लगा लाशों की अंबार, विचलित कर देंगी तस्वीरें
सदन में विश्वास मत के खिलाफ 124 वोट पड़े। हालांकि इस दौरान 35 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया, जबकि 15 सांसद तटस्थ रहे। सदन में बहुमत खोने के बाद वह वहां के संविधान के आर्टिकल 100 (3) के अनुसार प्रधानमंत्री पद से मुक्त हो गए। आपको बता दें कि फ्लोर टेस्ट के पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को एक बड़ा झटका लगा था। दरअसल, उनकी पार्टी के सांसदों के एक वर्ग ने सोमवार को संसद के विशेष सत्र में भाग नहीं लेने का फैसला किया था। विशेष सत्र फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाया गया था। पार्टी के एक नेता भीम रावल ने कहा कि पार्टी के असंतुष्ट गुट के 20 से अधिक विधायकों ने सत्र का बहिष्कार करने का फैसला किया।
COVID-19: हरियाणा सरकार ने 10 से 17 मई तक जारी किया महामारी अलर्ट, लॉकडाउन से ऐसे होगा अलग
परिणामस्वरूप, प्रधानमंत्री को अपनी ही पार्टी के असंतुष्ट गुट से वोट मिलने की संभावना नहीं रही। इससे पहले दिन में, ओली ने पार्टी के असंतुष्ट गुट से जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा, “मैं सभी सांसदों का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहूंगा कि कोई भी फैसला करने में जल्दबाजी न करे। आइए एक साथ बैठें, चर्चा करें और किसी भी समस्या का समाधान निकाले।” गौरतलब है कि ओली को फरवरी 2018 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के समर्थन से प्रधानमंत्री चुना गया था जिसके अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड हैं। लेकिन मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी के विलय को रद्द कर दिया था।