
वेलिंगटन। कोरोना वायरस (coronavirus) की महामारी ने एक तरफ पूरे विश्व में कोहराम मचा रखा है। वहीं एक ऐसा देश भी है जहां पर इस संक्रमण को पनपने का मौका नहीं मिला। न्यूजीलैंड ने अपने लक्ष्य को निर्धारित कर कोरोना वायरस को हराने का प्रयास किया और वह इसमें सफल हुए। ऑकलैंड विश्वविद्यालय के वैक्सीन विशेषज्ञ हेलेन पेटूसिस-हैरिस के अनुसार कोरोना को हराने के लिए उसका ट्रांसमिशन रोकना जरूरी है। ऐसा होने पर ये अपने आप खत्म हो जाता है।
करीब 50 लाख की जनसंख्या वाले इस देश का क्षेत्रफल ब्रिटेन के बराबर हैं। ऐसे में यहां के हालात के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का आसानी से पालन हो सकता है। इसके अलावा यहां की पीएम जेसिंडा अर्डर्न के फैसलों के सामने कोरोना को घुटने टेकने पड़े। यहां पर मार्च के अंत में यहां 100 मामले सामने आए थे। इसके बाद से सरकार ने लॉकडाउन और कड़े नियमों की बदौलत संक्रमण पर काबू पा लिया।
न्यूज़ीलैंड ने अब तक एक व्यापक प्रकोप से बचा है,और अप्रैल के शुरुआती दिनों में लगभग 90 प्रति दिन की दर आने वाले मामले घटकर मंगलवार को सिर्फ पांच रह गए हैं। अब तक यहां केवल 13 लोगों की मौत हुई है। अर्डर्न को प्रत्येक मौत पर व्यक्तिगत रूप से जानकारी दी गई है। अर्डर्न का कहना है कि यहां पर विदेशी नागरिकों की एंट्री 20 मार्च से ही बैन हो चुकी है। यहां पर अगर कोई बाहर से देश में आता है तो उसे क्वारंटाइट में रखा जाता है। ये सिर्फ अपने देश के नागरिकों के साथ ही होता है। ऐसा करने से बहुत हद तक बीमारी पर काबू पाया जा सका है। यहां पर कोरोना के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं। मगर सरकार की ओर से लॉकडाउन हाटाने की कोई जल्द बाजी नहीं देखी जा रही है।
Updated on:
21 Apr 2020 07:53 pm
Published on:
21 Apr 2020 06:19 pm
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