अजबः 8 हफ्ते के बच्चे को लगेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन, जानिए क्या है SMA बीमारी और क्यों है इतनी महंगी दवा
- Britain में 8 हफ्ते के बच्चे को लगेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन
- जेनेटिक बीमारी SMA से पीड़ित है एडवर्ड
- शरीर में SMN-1 जीन की कमी के कारण होता है SMA

नई दिल्ली। ब्रिटेन ( Britain )में 8 हफ्ते का नवजात इन दिनों ऐसी बीमारी से जूझ रहा है, जिससे उबरने के लिए उसे दुनिया की सबसे महंगी दवाई की जरूरत है। आप सोच रहे हैं होंगे आखिर कितनी महंगी दवाई हो सकती है, तो आपको बता दें कि बच्चे को लगने वाले इंजेक्शन की कीमत 1.7 मिलियन पाउंड करीब 16 करोड़ रुपए है।
8 हफ्ते का बच्चा जिस बीमारी से पीड़ित है उसका नाम जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानी SMA है। आईए जानते हैं क्या है ये बीमारी और क्यों इसकी दवा है इतनी महंगी।
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ये कहते हैं बच्चे के पैरेंट्स
ये बीमारी फिलहाल एडवर्ड नाम के 8 हफ्ते के बच्चे को है। कोलचेस्टर ससेक्स में रहने वाले उसके पैरेंट्स जॉन हॉल और मेगन विलीस कहते हैं कि उनके लिए बेटे की जिंदगी बेशकीमती है। उसकी जान बचाने के लिए वे हर मुमकिन कोशिश करेंगे।
ये है SMA रोग
एसएमए कैंसर से ज्यादा खतरनाक है, जिसका इलाज सबसे महंगा है। दरअसल ये अनुवांशिक यानी जेनेटिक बीमारी है। जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानी SMA, शरीर में SMN-1 जीन की कमी के कारण होता है। इससे छाती की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और सांस लेने में कठिनाई होती है।
यह बीमारी ज्यादातर बच्चों को होती है और बाद में कठिनाई बढ़ने पर रोगी की मृत्यु हो जाती है।

हर वर्ष 60 बच्चे होते हैं शिकार
दुनिया में सबसे ज्यादा ये बीमारी ब्रिटेन में फैली हुई है। देश में हर वर्ष करीब 60 बच्चे ऐसे पैदा होते हैं जो इस बीमारी से पीड़ित होते हैं।
बीमारी से जुड़े तथ्य
3 वर्ष पहले मिला SMA का इलाज
2017 में 15 बच्चों को यह दवा दी गई थी
20 हफ्ते से ज्यादा समय तक जीवित रहे बच्चे
12 बच्चों को दिए गए हाई डोज, उनमें से 11 बिना सहारे बैठ सके
02 बच्चे अकेले चल पाने में सक्षम हुए
यहां से आता है इंजेक्शन
यह इंजेक्शन ब्रिटेन में उपलब्ध नहीं है। इसे अमरीका, जर्मनी, ब्राजील या जापान से मंगाया जाता है।
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इसलिए महंगी है ये दवा
मेगन कहती हैं कि इंजेक्शन महंगा है, लेकिन रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि यह बेहद कारगर भी है। इसने कई बच्चों की उम्र बढ़ाई है। दरअसल जोलगेनेस्मा उन तीन जीन थैरेपी में से एक हैं, जिनके इस्तेमाल की अनुमति यूरोप में दी गई है। कंपनी के मुताबिक SMA के इलाज में यह दवा एक बार ही रोगी को दी जाती है, इसलिए यह महंगी है।

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