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पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार को लगाई फटकार, कहा-कोरोना से निपटने में बरती लापरवाही

Highlights अदालत ने घातक बीमारी से लड़ने के लिए पैसों के खर्च में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही। केंद्र और राज्य की सरकारें लोगों के खिलाफ साजिश रच रहा है। पाकिस्तान में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले 20 हजार के पार हैं।

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Pakistan PM Imran Khan

Foreign media claims Pak PM Imran Khan Corona positive

लाहौर। पाकिस्तान (Pakistan) में कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों को लेकर यहां की शीर्ष अदालत ने इमरान सरकार (Imran Government) को फटकार लगाई है। महामारी को लेकर बरती जा रही लापरवाही के कारण यहां पर लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए पैसों के खर्च में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supremcourt) ने टिप्पणी की है कि ऐसा लगता कि केंद्र और राज्य की सरकारें लोगों के खिलाफ साजिश रच रहा है।

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पाक मीडिया में आई इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में कोरोना वायरस से निपटने में बरती जा रही लापरवाही का सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है। प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सोमवार को मामले की दोबारा सुनवाई की। इससे पहले हुई सुनवाई में भी अदालत ने केंद्र की इमरान सरकार को आड़े हाथ लिया था।

पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले 20 हजार के पार हैं। अब तक 462 लोगों ने यहां जान गंवाई है। सोमवार को प्रधान न्यायाधीश ने विशेष रूप से कोरोना महामारी से निपटने पर अरबों रुपए के खर्च की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस महामारी से लड़ने के लिए विभाग किस तरह से काम कर रहा है इसकी कोई जानकारी नहीं है। यहां पर सब कुछ कागजों पर दिखाई दे रहा है। मगर हकीकत में कुछ नहीं है। अदालत ने सवाल उठाए कि मास्क और दस्ताने खरीदने पर अरबों रुपए कैसे खर्च हो सकते हैं। इसका ऑडिट कराया जाना चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश के अनुसार ऐसा लग रहा है कि संघीय व प्रांतीय सरकारें लोगों के खिलाफ साजिश रच रही हैं। अदालत ने सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिकारी नदारद दिखे। इस गैरमौजूदगी पर अदालत ने नाखुशी जताई है। इस्लामाबाद के क्वारंटाइन केंद्रों की बदहाली पर अधिकारियों से कड़ी पूछताछ की। अदालत ने केंद्र को आदेश दिया कि वह कोरोना से निपटने के लिए प्रांतों को अतिरिक्त राशि को उपलब्ध कराए।