
डोनाल्ड ट्रंप और रेचप एर्दोगन।
वॉशिंगटन। रूस के सबसे घातक हथियार S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर अमरीकी और तुर्की में काफी तनाव देखने को मिल रहा है। तुर्की के S-400 सिस्टम के इस्तेमाल को लेकर अमरीका बुरी तरह से भड़क गया है।
अमरीका के रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में तुर्की को कड़ी चेतावनी दी है। उसने कहा है कि इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अमरीका ने तुर्की के परीक्षण को लेकर कड़ी निंदा की।
16 अक्टूबर को किया परीक्षण
अमरीका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जोनाथन रथ होफमैन के एक बयान के अनुसार अमरीका का रक्षा मंत्रालय तुर्की के 16 अक्टूबर को किए गए S-400 सिस्टम के परीक्षण की कड़ी आलोचना करता है। इस परीक्षण को तुर्की के राष्ट्रपति ने खुद स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि वे इस परीक्षण पर आपत्ति जताते हैं। इससे हमारे सुरक्षा संबंधों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है।
अमरीका के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर तुर्की के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। होफमैन के अनुसार S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का सक्रिय होना तुर्की के अमरीकी सहयोगी और नाटो सदस्य होने के नाते किए गए वादे से मेल नहीं खाता है।
गौरतलब है कि तुर्की ने खुलेआम स्वीकार किया है कि उसने अमरीका के एफ-16 लड़ाकू विमानों को टक्कर देने के लिए रूस के एस-400 डिफेंस सिस्टम का परीक्षण किया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगन ने शुक्रवार को इस टेस्ट की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि उनके देश ने अमरीका की आपत्तियों को दरकिनार कर रूस-निर्मित एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का परीक्षण कर लिया है।
दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया
एर्दोगन के अनुसार उन्हें अमरीका से इस बारे में पूछने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने गुस्सा जताते हुए कहा कि तुर्की को अपने उपकरणों का परीक्षण करने का पूरा अधिकार है। अमरीका का रुख उनके लिए कोई बाधा नहीं है। हमें अमरीका से पूछने की जरूरत नहीं है। एर्दोगन ने अमरीका पर प्रतिबंधों को लेकर दोहरे मानदंड अपनाने को आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नाटो का सदस्य ग्रीस भी तो एस-300 मिसाइल रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने पूछा क्या अमरीका ने उसे कभी पूछताछ की है।
Updated on:
24 Oct 2020 12:33 pm
Published on:
24 Oct 2020 12:30 pm
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