दोस्ती और आपसी सहयोग पर जोर
दोनों नेताओं ने भारत और जर्मनी के बीच सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की। आपको बता दें कि पीएम मोदी की पांच दिवसीय यूरोप यात्रा का मकसद यूरोपीय देशों से रणनीतिक भागीदारी को मजबूत बनाना था। भारत की ये यात्रा इन देशों के साथ दोस्ती और आपसी सहयोग को मजबूत बनाने की पारस्परिक इच्छा को भी दिखाती है।
बर्लिन में राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों से मुलाकात
जर्मनी के साथ आपसी सहयोग को मजबूत करने के बाद पीएम मोदी ने अपनी ब्रिटेन की यात्रा समाप्त करने के बाद संक्षिप्त बर्लिन की संक्षिप्त यात्रा भी की। इस दौरान पीएम मोदी ने वहां राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों जिसे चोगम कहा जाता है उनके साथ बैठक की। इसके अलावा भी उन्होंने कई द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया था।
पीएम मोदी की यूरोप यात्रा का ये तीसरा और अंतिम पड़ाव रहा, इससे पहले पीएम मोदी ने स्वीडन और ब्रिटेन की यात्रा की। इस दौरान वे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मिले जबकि प्रधानमंत्री टेरिजा मे के साथ भी उनकी सार्थक मुलाकात रही। आपको बता दें कि पिछले महीने जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वॉल्टर स्टेनमियर भारत गए थे।