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अफगानिस्तान को मिला नया नाम, जल्द होगी नई शासन व्यवस्था की घोषणा

अफगानिस्तान में शांति स्थापना के लिए एक काउंसिल बनाई गई है। देश के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई इसकी अध्यक्षता करेंगे, उनके साथ ही अफगानिस्तान के मौजूदा सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला तथा जिहादी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार भी काउंसिल का हिस्सा होंगे।

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Afghan soldier

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नई दिल्ली। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान लड़ाकों ने अधिकार कर लिया है। काबुल पहुंचने के बाद तालिबान ने काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने का भी दावा किया है। तालिबान ने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें उसके लड़ाके राष्ट्रपति भवन के अंदर नजर आ रहे हैं। तालिबान ने कहा है कि वह अफगान सरकार के साथ शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण को लेकर बातचीत कर रहा है और बातचीत जारी रहने तक उसके लड़ाके काबुल में प्रवेश नहीं करेंगे। इस मुद्दे पर बोलते हुए अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृहमंत्री अब्दुल सत्तार मीरजकवाल ने कहा कि सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण ढंग से होगा तथा जल्दी ही अंतरिम सरकार बनेगी।

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तालिबान के प्रवक्ता ने एक अन्तरराष्ट्रीय समाचार चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध खत्म हो गया है। संगठन अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते रखना चाहता है तथा किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने कहा कि हम अलग-थलग हो कर नहीं रहना चाहते। तालिबान प्रवक्ता ने यह भी कहा कि राजधानी में किसी भी दूतावास या मुख्यालय को निशाना नहीं बनाया जाएगा, जो भी राजनयिक या आम नागरिक यहां से जाना चाहें, तालिबान उन्हें सुरक्षित बाहर जाने का रास्ता उपलब्ध कराएगा।

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इस घटनाक्रम के तुरंत बाद अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी तथा उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने देश छोड़ दिया है। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट कर देशवासियों से कहा है कि उन्होंने देश में खून-खराबा रोकने के लिए यह कदम उठाया है। यहां पर स्थिति नियंत्रण में है। काबुल पर तालिबान का अधिकार होने के बाद से लोग क्षेत्र से बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं। उन जगहों पर महिलाओं ने काम पर जाना बंद कर दिया है, आम नागरिक भी ऐहतियात बरतते हुए अपने घर से कम से कम बाहर निकल रहे हैं।

तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने कहा कि अफगानिस्तान में किस तरह की शासन व्यवस्था होगी, इस बारे में जल्दी ही घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि संगठन शरीयत ला के अनुसार महिलाओं तथा अल्पसंख्यतकों के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करेगा। साथ ही संगठन किसी के भी मामले में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति अपनाएगा बशर्ते अन्य भी अफगानिस्तान में हस्तक्षेप न करें।

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काबुल पर कब्जे के बाद मुल्ला बरादर का बयान
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के तुरंत बाद ही तालिबान नेता मुल्ला बरादर का बयान भी आया है। मुल्ला बरादर ने कहा है कि हमने नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी और आसान जीत मिलेगा। आने वाले कुछ ही दिनों में सब कुछ सामान्य हो जाएगा। सभी लोगों के जान-माल की रक्षा की जाएगी।

देश में शांति स्थापना के लिए काउंसिल बनी
अफगानिस्तान में शांति स्थापना के लिए एक काउंसिल बनाई गई है। देश के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई इसकी अध्यक्षता करेंगे, उनके साथ ही अफगानिस्तान के मौजूदा सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला तथा जिहादी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार भी काउंसिल का हिस्सा होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बहुत जल्दी राष्ट्रपति भवन से इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अफगानिस्तान का ऐलान किया जा सकता है।