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अमरीका: रिहाई के लिए अनशन पर बैठे भारतीयों से बदसलूकी, जबरन चढ़ाई गई ड्रिप

अमरीका में शरण की तलाश में गए तीन भारतीय कर रहे हैं रिहाई के लिए अनशन मामले में अंतिम फैसला होने तक रिहाई की मांग कर रहे हैं ये भारतीय युवक

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ह्यूस्टन। अमरीका में बस जाना विदेश जाने वाले हर किसी की चाहत होती है। लेकिन बीच-बीच में अमरीका से ऐसी खबरें आ जाती हैं जो इस देश में मानवीय मूल्यों पर इंसानियत पर बड़ा सवाल खड़ा कर देती हैं। अब अमरीका में शरण की तलाश में गए तीन भारतीयों से संबंधित एक बड़ी खबर आ रही है। अमरीका में तीन भारतीयों को एक इमिग्रेशन सेंटर में बंदी बना लिया गया है। यही नहीं, जब ये भारतीय भूख हड़ताल पर बैठ गए तो प्रशासन ने उन्हें जबरिया आइवी डिप लगा दिया।

ये सभी टेक्सास के एल पासो में बने US इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट केंद्र (ICE) में 12 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। जानकारी मिल रही है कि रविवार को इन्हें नसों के जरिए जबरन ड्रिप्स (आईवी ड्रिप्स) चढ़ाई गईं। बता दें कि ये तीनों ICE के हिरासत केंद्र में बंद हैं।

ये हैं मांगें

इस बारे में इन भारतीयों के वकील ने जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक, इन तीनों का कहना है कि जब तक वे अपने निर्वासन के संबंध में किसी तरह के आदेश प्राप्त नहीं करते हैं, तब तक के लिए उन्हें रिहा किया जाए। इस मांग के साथ ये भारतीय नौ जुलाई से ICE के हिरासत केंद्र में अनशन पर बैठे थे।

वकील लिंडा कोरचाडो ने बताया कि तीनों यहां शरण मांगने आए थे, जिनके आवेदन को ठुकरा दिया गया। बाद में इन्होंने आवेदनों पर पुनर्विचार करने की भी मांग की है।

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सालभर से हिरासत केंद्र में बंद हैं भारतीय

जानकारी के मुताबिक ये तीनों कई महीनों से हिरासत केंद्र में बंद हैं। इनमें से एक को हिरासत में बंद हुए सालभर से भी ज्यादा हो चुका है। पिछले हफ्ते न्याय मंत्रालय ने संघीय न्यायाधीशों के सामने तीनों की सहमति के बिना ही इन्हें खाना खिलाने या पानी चढ़ाने की मांग वाला आवेदन दायर किया था। इसके बाद इन्हें ड्रिप्स चढ़ाई गई। अब इनके वकीलों और अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि प्रशासन अब इन्हें जबरन खाना भी खिला देगा।

अपनी हालत जाहिर करने का एकमात्र उपाय

वकील कोरचाडो ने कहा,'मेरे मुवक्किलों ने लंबे समय से हिरासत में रखे जाने और उनके आवेदनों के संबंध में आव्रजन अदालत के पक्षपाती और भेदभावपूर्ण रूख के विरोध में अनशन करने का फैसला लिया था।' उन्होंने आगे कहा कि हिरासत में एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। साथ ही यह भी उम्मीद नहीं नजर आ रही है कि ये आगे भी जल्द खत्म होगा। ऐसे में इन लोगों के पास अपनी हालत और अनुचित आव्रजन कार्रवाइयों की तरफ प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने का कोई और रास्ता नहीं बचा था। गौरतलब है कि यह एल पासो हिरासत केंद्र में भारतीयों के भूख हड़ताल की दूसरी घटना है।

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