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Donald Trump ने UN पर डाला दबाव, कहा-कोरोना फैलाने में चीन की करतूतों के लिए उसे जिम्मेदार ठहराएं

Highlights ट्रंप ने केवल सात मिनट का भाषण दिया, इसके अधिकांश हिस्से में चीन का नाम लिया। अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि डब्ल्यूएचओ (WHO) को चीन द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

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Donald trump

अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।

वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGCA) के 75वें सत्र में मंगलवार को हुई एक उच्च स्तरीय चर्चा के दौरान अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर सख्त टिप्पणियां कीं। ट्रंप ने केवल सात मिनट का भाषण दिया। छोटे से भाषण में उन्होंने अपनी बात खत्म कर दी। भाषण के अधिकतर भाग में उन्होंने चीन पर तीखे वार किए। उन्होंने अपने पूरे भाषण में 11 बार चीन का नाम लिया।

भाषण की शुरुआत ही उन्होंने कोविड-19 का जिक्र किया। इसे "चीनी वायरस" का नाम दिया था। उन्होंने बीजिंग को इसके लिए जवाबदेह ठहराया। ट्रंप ने कोरोना वायर की तुलना दूसरे विश्व युद्ध से कर डाली। इसे भीषण वैश्विक संघर्ष (great global struggle) बताया।

चीन ने अंतरराष्ट्रीय उड़ाने पर रोक नहीं लगाई

इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसने पूरी दुनिया में कोरोना के प्लेग को फैलाने का काम किया है। वायरस फैलने के शुरूआती समय में चीन ने घरेलू स्तर पर यात्रा को बंद कर दिया लेकिन चीन ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को जारी रखा। इस तरह से पूरी उसने दुनिया को संक्रमित कर दिया।

चीन को उनके करतूतों के लिए जिम्मेदार ठहराए संयुक्त राष्ट्र

अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि डब्ल्यूएचओ को चीन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। उन्होंने कहा कि इन दोनों ने मिलकर ही ये झूठ फैलाया कि कोरोना इंसान से इंसान में फैलने वाली बीमारी नहीं है। इसके कोई सबूत नहीं है। ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को चीन को उनकी करतूतों के लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए।

जूलियन बोर्जर ने ट्रंप के झूठे दावों की पोल खोली

गार्जियन के सम्पादक जूलियन बोर्जर ने ट्रंप के भाषण की आलोचना की है। उन्होंने लिखा कि ट्रंप ने संयुक्त राष्ट महासभा में कोरोना को भीषण वैश्विक संघर्ष बताया है। एक दिन पहले ही अपनी चुनावी रैली में उन्होंने इसे अधिक अहम समस्या नहीं बताया था। उन्होंने महामारी को लेकर अमरीकी सरकार के उठाए कदमों की पोल खोली। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने इस बीमारी को कभी गंभीरता से नहीं लिया। इसके लिए सारी जिम्मेदारी उन्होंने राज्यों पर छोड़ दी। वह अपने भाषण अपने यहां पर मरने वाले दो लाख लोगों का भी कोई जिक्र नहीं करते हैं।