scriptसंयुक्त राष्ट्र से ब्रिटेन को झटका, 6 महीने में मॉरिशस को चागोस द्वीप लौटाने का आदेश | UK shock from United Nations, orders to return Chagos Island to Mauritius in 6 months | Patrika News

संयुक्त राष्ट्र से ब्रिटेन को झटका, 6 महीने में मॉरिशस को चागोस द्वीप लौटाने का आदेश

locationनई दिल्लीPublished: May 23, 2019 03:19:38 pm

Submitted by:

Anil Kumar

हिंद महासागर में स्थित है चागोस द्वीप।
1968 में ब्रिटेन ने मॉरिशस को आजाद कर दिया था , लेकिन चागोस द्वीप पर कब्जा नहीं छोड़ा था।
संयुक्त राष्ट्र ने ब्रिटेन से 6 महीने में चागोस द्वीप पर नियंत्रण छोड़ने को कहा है।

चागोस द्वीप

संयुक्त राष्ट्र से ब्रिटेन को झटका, 6 महीने में मॉरिशस को चागोस द्वीप लौटाने का आदेश

लंदन। संयुक्त राष्ट्र ( United Nations )ने ब्रिटेन को आदेश दिया है कि हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप पर अपना अधिकार छोड़ने का आदेश दिया है। इस द्वीप पर ब्रिटेन ( Britain ) का प्रमुख सैन्य अड्डा है। संयुक्त राष्ट्र ने यह फैसला सदस्य देशों के सहमति और सर्वोच्चता के आधार पर किया है। इस संबंध में बुधवार को लाए गए संकल्प में कहा गया कि ब्रिटेन को चागोस द्वीप ( Chagos Islands ) से अपना नियंत्रण हटा लेना चाहिए। जिसपर 1965 में ब्रिटेन ने गैर कानूनी तरीके से मॉरिशस ( Mauritius ) गणराज्य हटाकर अधिकार कर लिया था। संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए ब्रिटेन को 6 महीने का समय दिया है।

 

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बीते फरवरी से ICJ में चल रहा था केस

बता दें कि इस मामले को लेकर बीते साल फरवरी से अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस ( International Court of Justice ) में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ब्रिटेन ने को आदेश दिया था कि चागोस ( Chagos ) द्वीप पर जितना जल्दी हो सके अपना नियंत्रण छोड़ दें। हालांकि ब्रिटेन ने इसकी अवहेलना की और जिसके बाद मॉरिशस को दूसरे वोट के लिए संयुक्त राष्ट्र में जाने को विवश होना पड़ा। पिछले प्रस्ताव में 116 देशों ने समर्थन जताया था। केवल चार देशों ने ब्रिटेन का समर्थन किया था। इसके अलावे 71 अन्य देशों ने या तो रोक दिया या फिर वोट नहीं दिया था।

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1968 में मॉरिशस को मिली आजादी मिली थी

मालूम हो कि मॉरिशस पर पहले ब्रिटेन का साम्राज्य था। हालांकि 1968 में ब्रिटेन ने मॉरिशस को आजाद कर दिया। लेकिन चागोस द्वीप पर अपना अधिकार नहीं छोड़ा। 1967 और 1973 के बीच, ब्रिटेन ने डागो गार्सिया के एटोल पर बड़े पैमाने पर सैन्य परिसर के लिए रास्ता बनाने के लिए चागोस की अधिकांश आबादी को निष्कासित कर दिया, जिसे आज संयुक्त राज्य अमरीका ( United States ) को पट्टे पर दिया गया है। बता दें कि अमरीकी और ब्रिटिश अधिकारी इस निर्णय से प्रसन्न नहीं थे। यूनाइटेड किंगडम जनरल असेंबली के फैसले से निराश है। इधर इस फैसले के बाद मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रवीण कुमार जुगनुथ ने कहा कि वह डिएगो गार्सिया के लिए अमरीका और ब्रिटेन की निर्बाध पहुंच की पेशकश करने को तैयार हैं।

 

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