
यूक्रेन रक्षा सौदे पर संदेह का साया, भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले की जांच शुरू
नई दिल्ली। यूक्रेन ने भारत से हुए एक रक्षा सौदे में घूसखोरी के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। यूक्रेन के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक बुलेटिन जारी कर आरोप लगाया है कि एएन-32 विमानों की खरीद में भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को साढ़े सत्रह करोड़ रुपये का घूस दिया गया था। इस आरोप के बाद नई दिल्ली स्थित भारतीय रक्षा मुख्यालय में हड़कंप मच गया है।
क्या है मामला
मीडिया खबरों के अनुसार 13 फरवरी 2018 को ही यूक्रेन के नेशनल एंटी करप्शन ब्यूरो कीव स्थित भारतीय दूतावास से भारत सरकार के पास इस मामले की जानकारी भेजने और कानूनी सहयोग देने का अनुरोध किया।भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का संदेह जताते हुए पत्र में उन अधिकारियों की पहचान बताने की मांग की गई है जिन्होंने इस रक्षा सौदे के लिए बातचीत की थी और उस पर दस्तखत किया था।
ये था रक्षा सौदा
यूक्रेन की लड़ाकू विमान बनाने वाली सरकारी कंपनी स्पेट्स टेक्नो एक्सपोर्ट और भारतीय रक्षा मंत्रालय के बीच नवम्बर 2014 में एक समझौता हुआ था जिसके मुताबिक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को विमानों के स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति की जानी थी। बाद में पता चला कि एक अन्य कंपनी ग्लोबल मार्केटिंग एसपी लिमिटेड को इस समझौते को लागू करने के लिए अधिकृत किया गया जबकि मूल समझौते में कही इसका जिक्र नहीं था।
यूक्रेन को संदेह है कि भारतीय अधिकारियों को इस बात की जानकारी है कि इस सौदे में बिचौलिए के रूप में इस कंपनी को क्यों और किसको लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया। पैसे का समूचा लेनदेन दुबई के नूर इस्लामिक बैंक से हुआ था।
Published on:
31 May 2018 12:11 pm
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