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दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए 70 साल में सबसे ज्यादा शहीद हुए हैं भारतीय: यूएन महासचिव

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया में शांति कायम करने के लिए सबसे ज्यादा भारतीयों ने जान गवाई है।

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दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए 70 साल में सबसे ज्यादा शहीद हुए हैं भारतीय: यूएन महासचिव

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनियाभर में शांति के लिए सबसे ज्यादा बलिदान भारतियों ने दिया है। यूएन की मानें तो पिछले 70 साल में दुनियाभर में शांति मिशन में ड्यूटी के दौरान सबसे ज्यादा भारत के शांतिदूत शहीद हुए। इन शहीदों में 163 भारतीयों ने सिर्फ मानवता के काम के लिए अपनी जान गवाई। शहीदों में सेना, पुलिस और सिविलियन कर्मचारी भी शामिल थे। बता दें कि ये बातें यूएन महासचिव एंटोनिया गुटेरेस ने बुधवार को इंटरनेशनल डे ऑफ यूनाइटेड पीसकीपर्स के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं। इस कार्यक्रम में मिशन पर शहीद हुए शांतिदूतों की कुर्बानी को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

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भारत का स्थान तीसरा

यूएन के अनुनासर 1948 से अब तक पीसकीपिंग मिशन में लगे 3737 सैनिको ने अपना बलिदान दिया। वहीं, यूएन के पीसकीपिंग मिशन में सहयोग करने वाले देशों में भारत का स्थान तीसरा है। बता दें कि इस समय भारत के 6693 शांतिदूत कांगो, हैती, लेबनान, साउथ सूडान, साइप्रस, अबेई, वेस्टर्न सहारा और मिडल ईस्ट में तैनात हैं।

दुनिया के अलग-अलग देश कर रहे हैं काम

मौजूदा दौर में 124 दल के 96,000 जवान और पुलिस दुनिया के अलग-अलग देशों में यूएन के पीसकीपिंग मिशन के तौर पर काम कर रहे हैं। यही नहीं इनके साथ 15,000 इंटरनेशनल और नेशनल सिविलयन स्टाफ और 1600 यूनाइटेड नेशन के वॉलन्टियर्स भी दुनियाभर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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10 लाख महिला और पुरुषों को आभार

यूएन के महासचिव एंटोनिया गुटेरेस ने आगे कहा कि हम उन 10 लाख महिला और पुरुषों के प्रति आभरी है, जिन्होंने यूएन फ्लैग के तहत अपनी काम किया और अनगिनत अंजान लोगों की जिंदगियां बचाईं। महासचिव ने कहा, 'हम 3700 से ज्यादा ब्लू हेलमेट वालों का स्वागत करते हैं, जिन्होंने भारी कीमत चुकाई। हम 14 पीसकीपिंग मिशन में लोगों की रक्षा और शांति के लिए लगे लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं।'