
संयुक्त राष्ट्र। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद पाकिस्तान इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उछाल रहा था। पहले तो संयुक्त राष्ट्र ने इस पर दखल देने से इनकार करते हुए भारत के रूख को समर्थन दिया था। लेकिन अब इसको लेकर भारत संयुक्त राष्ट्र से बड़ा बयान आया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के मानवाधिकार विशेषज्ञ कश्मीर की स्थिति के लिए चिंतित हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका केवल एक सीमित प्रभाव हो सकता है। विशेष प्रतिवेदक एग्नेस कॉलमार्ड ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस दौरान शुक्रवार को यह बात कही।
कश्मीर की स्थिति हममें से कई लोगों के लिए एक बड़ी चिंता
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'विशेष प्रक्रियाओं के साथ कश्मीर की स्थिति हममें से कई लोगों के लिए एक बड़ी चिंता है। लेकिन यह एक ऐसी स्थिति भी है, जहां हमें इस मुद्दे को एजेंडे पर रखने के अलावा पहचानने की जरूरत है। उल्लंघन की निंदा करने के अलावा मुझे यकीन नहीं है कि इस बिंदु पर हमें इससे अधिक प्रभाव डालने के लिए कहा जा सकता है।' इसके आगे उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि हम बिल्कुल हार मान रहे हैं।
एग्नेस ने कहा कि पिछले महीनों के दौरान मैंने भारतीय अधिकारियों के साथ हत्याओं के बारे में जानकारी के साथ ही संचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन से संबंधित बातचीत की है।
स्थिति की निगरानी कर रहे हैं हम: UN
एक रिपोर्टर ने उनसे कश्मीर पर सवाल किया था। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे अभी यकीन नहीं है कि इस समय हमारे पास कश्मीर पर प्रभाव डालने के लिए रणनीतिक स्थान है। इसलिए हमें जो करना है वह करना है, मुद्दे को एजेंडे पर रखना है। हम सुनिश्चित तौर पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।' इस दौरान उन्होंने मध्यस्थता की कोशिश करने की भी बात कही। एग्नेस ने कहा कि उन्होंने पीड़ितों और उनके अपराधियों के बारे में विशिष्ट जानकारी देते हुए भारत सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन उन्हें सही प्रतिक्रिया नहीं मिली।
Updated on:
26 Oct 2019 04:01 pm
Published on:
26 Oct 2019 02:11 pm
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