महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर यूएन राहत कार्यों में सहायता करने को पूरी तरह तैयार है। बता दें, इंडोनेशिया में रिएक्टर पैमाने पर 7.0 तीव्रता का भूकंप का आया था। इसका केंद्र लंबोक तिमूर जिले से करीब 18 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में जमीन से 15 किलोमीटर गहराई में बताया गया था। भूकंप में करीब 100 के मारे जाने की सूचना है। जबकि इसमें 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
रविवार शाम को भूकंप आने के बाद लगभग 130 झटके आए थे, जिनमें कुछ झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर पांच से भी ज्यादा थी। इसके बाद प्रशासन ने सुनामी की चेतावनी जारी की थी।
इंडोनेशियाई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बोर्ड (बीएनपीबी) ने सोमवार सुबह से ही प्रभावित क्षेत्र में बचाव दल को भेज दिया था। बीएनपीबी के अनुसार, ज्यादा लोगों की मौतें इमारतों के ढहने से हुई है, इसी कारण घायलों का इलाज अस्पतालों की इमारतों की खराब स्थिति होने के कारण इमारतों के बाहर किया जा रहा है। बीएनपीबी के अधिकारी ने कहा कि इस समय उनका मुख्य ध्यान भूकंप से प्रभावित लोगों को खोजने, बचाने, उनका सहयोग करने और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने पर है। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भूकंप से प्रभावित होने वाले लोगों को क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया है।
बता दें, पिछले साल दिसंबर माह में भी इंडोनेशिया के मुख्य जावा द्वीप पर 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इस दौरान जान-माल का काफी नुकसान हुआ था।