
न्यूयॉर्क। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चलाए जा रहे महाभियोग के लिए गुरुवार को सदन में वोटिंग कराई गई। अमरीकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने जांच को औपचारिक रूप देने के लिए वोट डाला। इस दौरान 232-196 के अनुपात में वोटिंग की गई। इस वोटिंग के बाद ट्रंप की मुसीबतें और बढ़ेंगी। आपको बता दें कि यह पहला मौका था, हाऊस चैंबर ऐसी किसी इन्कॉवयरी के लिए वोट कर रहा था।
कैसे और कब शुरू होती है महाभियोग की प्रक्रिया
आपको बता दें कि अमरीकी संविधान के अंतर्गत ये प्रावधान है कि प्रतिनिधि सभा में बहुमत मिलने के बाद राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। महाभियोग प्रक्रिया राष्ट्रपति के अलावा असैन्य अधिकारी या फिर प्रांतीय सरकार के खिलाफ भी लाया जा सकता है। ये प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब किसी पर देशद्रोह, घूस या फिर किसी बड़े अपराध में संलिप्तता का शक हो। गुरुवार को हुए इस ऐतिहासिक वोटिंग में सदन की स्पीकर नैंन्सी पेलोसी ने भी वोट किया जो आमतौर पर प्रक्रिया में नहीं शामिल होती।
भारतीय-अमरीकी कर्मचारी पर भी मुसीबत
दूसरी तरफ भारतीय-अमरीकी वाइट हाउस के कर्मचारी यूक्रेन विवाद से उपजे आंतरिक राजनीति में फंस गए हैं। इस वजह से अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महाभियोग प्रस्ताव की जद में आ गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाभियोग जांच के दौरान यूक्रेन मामलों पर आतंकवाद रोधी नेशनल सेक्यूरिटी काउंसिल (एनएससी) के सीनियर डायरेक्टर काश्यप पटेल से एक अन्य एनएससी अधिकारी अलेक्जेंडर विंडमैन के द्वारा पूछताछ की गई।
इस घटना के बाद ट्रंप प्रशासन दो धरे में बंट गया है, जिसमें एक वो तबका है जिसने ट्रंप का समर्थन किया है और जिसने विरोध किया है। खबर के अनुसार, विंडमैन ने गुप्त जांच में कहा कि पटेल ने यूक्रेन मामले पर ट्रंप को गलत जानकारी दी।
क्या है ट्रंप पर आरोप?
ट्रंप पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदीमीर जेलेंस्की पर दबाव अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने के लिए दबाव बनाने का आरोप है। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है।
Updated on:
01 Nov 2019 09:50 am
Published on:
01 Nov 2019 09:41 am
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