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डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर लगाए नए प्रतिबंध, कहा- अमरीकी संयम का इम्तिहान न लें

US-Iran Tension: नए प्रतिबंधों से ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनी ( Ayatollah Ali Khamenei ) सहित वरिष्ठ अधिकारियों के वित्तीय संसाधनों पर अंकुश लगाया जाएगा

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वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 24 जून को ईरान पर अतिरिक्त आर्थिक प्रतिबंधों की स्वीकृति प्रदान कर दी। ईरान द्वारा स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के पास अमरीकी निगरानी ड्रोन को मार गिराए जाने के चार दिन बाद अमरीका ने यह कदम उठाया है। ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को ईरान के सर्वोच्च नेता के ऊपर को नए प्रतिबंधों का एलान करते हुए कहा कि ईरान, अमरीकी संयम की परीक्षा न ले। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा पिछले सप्ताह मेजर स्ट्राइक के फैसले को वापस लेने के बाद ईरान को दंडित करने के लिए यह नया कदम उठाया है।

नए प्रतिबंधों का एलान

ट्रंप ने नए प्रतिबंधों का एलान करते हुए चेतावनी दी कि उसका "संयम" सीमित नहीं रह सकता है। लेकिन ट्रंप होर्मुज के महत्वपूर्ण जलडमरूमध्य में अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग को अमरीकी सुरक्षा पर खासे अस्पष्ट दिखे। नए अमरीकी प्रतिबंध ट्रम्प की आर्थिक दंड की रणनीति का एक हिस्सा है। ट्रंप प्रशासन को उम्मीद है कि नए फैसले से ईरान कमजोर होगा औरअपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर नई वार्ता के लिए राजी हो सकेगा। आपको बता दें कि नए प्रतिबंधों की घोषणा की उस समय की गई है जब अमरीकी राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने फारस की खाड़ी में ईरान से खतरों की निगरानी में मदद करने के लिए सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का दौरा कर रहे हैं।

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ईरान पर सुप्रीम प्रतिबंध

अमरीकी प्रतिबंधों के तहत ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी और कई अन्य शीर्ष अधिकारी वित्तीय संसाधनों तक पहुंच से वंचित हो जाएंगे। प्रशासन की योजना इस सप्ताह के अंत में आर्थिक प्रतिबंधों के साथ विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ को निशाना बनाने की भी है। नए प्रतिबंधों के तहत कोई भी विदेशी वित्तीय संस्थान जो ईरानी अधिकारियों को महत्वपूर्ण "वित्तीय सेवाएं" प्रदान करता है, अमरीकी दंड के अधीन होगा। प्रतिबंध का एलान करते हुए ट्रंप ने कहा, "अयातुल्ला खामेनी और उनके कार्यालय की संपत्ति को प्रतिबंधों से बख्शा नहीं जाएगा।"

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क्या है नए प्रतिबंधों का मतलब

खामेनी को सीधे निशाना बनाने के फैसले से पता चलता है कि ट्रंप उस नेता पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं जो यह तय करेगा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नई बातचीत का निमंत्रण स्वीकार करना है या नहीं। राष्ट्रपति हसन रूहानी जिन्होंने 2015 के अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते की अध्यक्षता की थी उन्हें ट्रंप कमजोर बताते हैं। ट्रंप का मानना है कि खामेनी ईरान का सर्वोच्च नेता हैं जो अंततः शत्रुतापूर्ण आचरण के लिए ज़िम्मेदार हैं। ट्रंप ने कहा, "वह अपने देश के भीतर सम्मानित हैं। उनका कार्यालय इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स सहित शासन के सबसे क्रूर तत्वों की देखरेख करता है। 13 जून को स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के पास दो टैंकरों पर हमले के लिए खामेनी ही जिम्मेदार है।"

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