
नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) का झूठ पकड़ा गया है। ट्रंप के कश्मीर पर दिए बयान से उलट अमरीकी सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय वार्ता से ही सुलझाया जा सकता है।
अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई करनी होगी। तभी भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता सार्थक हो सकती है।
ट्रंप ने कही थी मध्यस्थता की बात
गौरतलब है कि वाइट हाउस में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाक पीएम इमरान खान की बातचीत के दौरान मीडिया के सामने यह कहकर सबको चौका दिया था कि कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता को लेकर भारत उससे गुजारिश कर चुका है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लेकर यह बयान दिया था।
उसने इस बयान पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारत ने यह साफ़ साफ़ कहा है कि पीएम मोदी ने कभी भी इस तरह की कोई बात अमरीकी राष्ट्रपति से नहीं की है ।
भारत ने सिरे से खारिज कर दिया
ट्रंप के इस बयान को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया में कहा है कि पीएम मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति से ऐसी कोई गुजारिश नहीं की है। भारत ने अपने रुख पर कायम रहते हुए इस मुद्दे को द्विपक्षीय चर्चा से हल करने की बात दोहराई। इस पर अमरीका ने भी सहमति जताई है। अमरीका ने दोबारा एक बयान जारी कर ट्रंप के बयान पर सफाई दी।
पकड़ा गया ट्रंप का झूठ
भारत ने सोमवार को अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस दावे से इनकार किया कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए उन्हें मध्यस्थता करने को कहा था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दो ट्वीट करके इस पर भारत का रुख साफ किया है।
उन्होंने कहा कि हमने अमरीकी राष्ट्रपति द्वारा मीडिया उस बयान को देखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है।
केवल द्विपक्षीय चर्चा की जाए
उन्होंने कहा कि भारत का हमेशा से यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय चर्चा की जाए। रवीश कुमार ने दूसरे ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर लगाम लगाना जरूरी होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों के द्विपक्षीय रूप से समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा।
इमरान ने ट्रंप से कश्मीर मुद्दे पर दखल देने की मांग की
गौरतलब है कि सोमवार को मुलाकात के दौरान इमरान ने ट्रंप से कश्मीर मुद्दे पर दखल देने की मांग की। इमरान खान ने बयान दिया कि वह चाहते हैं कि दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमरीका शांति में अहम योगदान दे । कश्मीर मुद्दे का समाधान कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ बातचीत के लिए उन्होंने कई प्रयास किए हैं।
इस पर जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि दो सप्ताह पहले पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी बात हुई थी। इस मुद्दे पर मोदी ने कहा था कि क्या आप मध्यस्थ हो सकते हैं। यह मुद्दा बीते 70 साल से लटका हुआ है और हमें खुशी होगी यदि हम इसमें कोई मध्यस्थता कर सकें।'
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Updated on:
23 Jul 2019 05:16 pm
Published on:
23 Jul 2019 08:33 am
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