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अमरीका-तालिबान वार्ता के लिए राजी, अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ!

अमरीकी सैनिक ( American Troops ) 18 सालों से अफगानिस्तान ( Afghanistan ) में तैनात हैं अमरीकी सैनिकों की वापसी को लेकर अमरीका-तालिबान ( America-Taliban Talk ) में कई दौर की बातचीत हो चुकी है

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America and taliban have agreed to ceasefire

America and taliban have agreed to ceasefire (Symbolic Photo)

म्‍यूनिख। अफगानिस्तान ( Afghanistan ) में काफी लंबे समय से अमरीका और तालिबान ( America-Taliban Talk ) के बीच संघर्ष का दौर चल रहा है। साथ ही अफगानिस्तान में शांति बहाली ( Afghan Peace Talk ) को लेकर अमरीका-तालिबान में कई दौर की बैठक भी हो चुकी है। एक बार फिर से अमरीका-तालिबान वार्ता को राजी हो गए हैं।

अमरीका और तालिबान ने एक सप्‍ताह से जारी हिंसा को कम करने पर ( Ceasefire) अपनी सहमति जताई है। इससे ये संकेत मिलने लगे हैं कि अफगानिस्‍तान से अमरीकी सैनिकों ( American Troops ) की वापसी का मार्ग बहुत जल्द खुलेगा। ट्रंप सरकार अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी को लेकर लगातार कोशिश में जुटी हुई है।

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समाचार एजेंसी सिन्‍हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कतर ( Qatar ) की राजधानी दोहा ( Doha ) में लंबी बातचीत के बाद शुक्रवार को अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो एवं रक्षा सचिव मार्क ग्रैफ और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ( Afghan President Ashraf Ghani ) के बीच एक बैठक हुई, जिसमें अफगान शांति वार्ता को लेकर चर्चा हुई।

18 सालों से अफगानिस्तान में तैनात है अमरीकी सैनिक

आपको बता दें कि अमरीकी सैनिक 18 सालों से अफगानिस्तान में तैनात हैं। हालांकि अब ट्रंप प्रशासन लगातार कोशिश में जुटी हुई है कि अमरीकी सैनिकों की जल्द से जल्द वापसी हो। उम्मीद जताई जा रही है कि अमरीका-तालिबान के बीच वार्ता से अमरीकी सैनिकों की वापसी का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

अमरीकी अधिकारी के अनुसार, शांति समझौता एक राष्ट्रव्यापी युद्धविराम का आह्वान करेगा। अफगान सरकार और तालिबान के बीच वार्ता के बाद अमरीकी सैनिकों के वापसी की समय सारणी निर्धारित की जाएगी।

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में हिंसात्मक घटना कम करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई और आशा व्यक्त की है कि बहुत जल्द इसका परिणाम देखने को मिलेगा। एक अमरीकी अधिकारी ने कहा कि तालिबान को प्रस्ताव का अक्षरशः पालन करेगा।

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आपको बता दें कि जर्मनी के बड़े शहर म्यूनिख में अअमरीका और तालिबान समेत यूरोपीय प्रतिनिधियों के बीच कॉन्फ्रेंस में चर्चा के बाद सहमति बनी। अधिकारी ने कहा कि अब एक सप्ताह तक अमरीकी सेना तालिबान की हर हरकत पर नजर रखेगा। यदि तालिबान हिंसात्मक घटना को कटौती करने में कायम रहता है तोे अमरीका अपने वादे पर खरा उतरेगा।

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