
pfizer vaccine
लंदन। जर्मनी और फ्रांस में सोशल मीडिया की मशहूर हस्तियों और यूट्यूबर्स को कोरोना वैक्सीन फाइजर के दुष्प्रचार के लिए लालच देने का मामला सामने आया है। ब्रिटेन से संबंधित पब्लिक रिलेशन फर्म इन्हें इस काम के मुंहमांगे पैसे देने को तैयार थी। उनसे कहा जा रहा था कि फाइजर की डोज को जानलेवा बताने का प्रचार किया जाए। हालांकि बाद में पता चला कि यह सब रूस द्वारा संचालित किया जा रहा है।
रूस से जुड़े हैं तार
जर्मनी और फ्रांस में सोशल मीडिया इंफ्यूएशर्स को कोरोना वायरस की (COVID-19) वैक्सीन फाइजर की निंदा करने के लिए ब्रिटेन की एक जनसंपर्क फर्म द्वारा भुगतान की पेशकश की गई थी। 1.5 मिलियन यूट्यूम (YouTube) सब्सक्राइबर के साथ एक जर्मन टिप्पणीकार, मिर्को ड्रोट्स्चमैन का कहना है कि पीआर एजेंसी ने पूछा था कि क्या वह पैसे के बदले फाइजर की मौतों के बारे में "सूचना अभियान" का हिस्सा बनना चाहता है। मगर जब उन्होंने एजेंसी का पता जाना चाहा को इसके तार रूस से जुड़े हुए पाए गए। कंपनी के सीईओ के घर का पता रूस की राजधानी मास्को में बताया गया।
अकाउंट को प्राइवेट कर दिया गया
इसकी शिकायत करने के बाद कंपनी के लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चला कि कंपनी में कार्यरत सभी लोग पहले रूस में काम कर चुके थे। इसके बाद इंस्टाग्राम अकाउंट को प्राइवेट कर दिया गया और फेसबुक पेज पर मौजूद कंटेंट को डिलीट कर दिया गया। बीते साल के अंत में कोरोना टीकों के उपयोग के लिए स्वीकृत होने के बाद से फाइजर के खिलाफ गलत सूचना का अभियान चलाया जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि रूस अपनी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक को बढ़ावा देने के लिए फाइजर को बदनाम करने में जुटा हुआ है।
Published on:
28 May 2021 10:42 am
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