
मुरादाबाद: जनपद पूरे देश दुनिया में पीतल नगरी के नाम से मशहूर है। हर साल करीब 2500 करोड़ का कारोबार यहां से होता है।लेकिन पिछले एक महीने से यहां के पीतल मजदूर परेशान हैं। दरअसल एन जी टी के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा इन पीतल मजदूरों का कारोबार बंद हो गया है। इस कारोबार से जुड़े पीतल मजदूर और उनके परिवार भूखमरी के कगार पर आ गए हैं, और आगामी होली का त्यौहार न मनाने की चेतवानी दे रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा ई कचरे के नाम पर उनका उत्पीडन किया जा रहा है। जबकि ई कचरे का काम वो नहीं करते हैं। इतना ही नहीं लोगों ने इलाके में पोस्टर भी लगा दिए हैं की यहाँ ई कचरे का काम नहीं होता है। फिर भी उनके पुश्तैनी कम् को बंद कर दिया गया है। आज इन लोगों ने घरों से बाहर निकल कर प्रदर्शन किया।
शहर के थाना नागफनी के नवाबपुरा इलाके का यहां की ज्यादातर आबादी पीतल कारोबार से जुडी है। और मजदूरी कर अपने और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। लेकिन पिछले एक महीने से इनके कारोबार को एन जी टी का हवाला देते हुए प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया है। जिससे इनके परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है। यहां के लोगों का कहना है कि उनकी कई पीढियां इस काम को करती आ रही हैं। और ई कचरे के नाम पर उनका उत्पीडन किया जा रहा है। लोगों ने यहां तक कहा कि हमारे यहां ई कचरे का कोई काम नही होता है। अगर ई कचरा कहीं भी मिले तो वो सजा के लिए तैयार हैं। या उन्हें कही और जगह मुहैया करा दी जाय और कोई लाइसेंस दिया जाए। जिसके तहत वो काम कर सकें। यही नहीं लोगों ने इलाके में पोस्टर भी लगा दिए हैं। बच्चे बूढ़े महिलायें आज अपने घरों से निकले और प्रदर्शन किया और अपनी बात रखी।
दोनों आंखो की रोशनी फीकी कर चुकी मुन्नी देवी बच्चों की दुहाई देकर काम शुरू करवाने के लिए हाथ जोड़ रही हैं। कुछ यही कहानी चाऊ राम,मनीष और महेंद्र भी सुना रहे हैं। उनके मुताबिक एन जी टी के आदेश के नाम पर हमें क्यों भुखमरी के कगार पर धकेला जा रहा है।
इन परिवारों के आगे आगामी होली का त्यौहार कैसे मनाएंगे ये भी समस्या उत्पन्न हो गयी है। बेरोजगारी होने के कारण कई पढ़े लिखे युवक भी पीतल कारोबार में मजदूरी करके अपने परिवार को पाल रहे हैं।
Published on:
25 Feb 2018 09:51 pm
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