मुरादाबाद

UP Crime: 10 हजार की घूस लेते ही पकड़ा गया बिजली विभाग का बाबू, एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से मचा हड़कंप

UP Crime News: उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग में तैनात लिपिक ब्रजेश सिंह को एंटी करप्शन टीम ने ट्यूबवेल कनेक्शन के नाम पर 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

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UP Crime: 10 हजार की घूस लेते ही पकड़ा गया बिजली विभाग का बाबू | AI Generated Image

Clerk caught taking bribe of 10 thousand rupees in UP: उत्तर प्रदेश के देहात विद्युत वितरण खंड द्वितीय कार्यालय में सोमवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब एंटी करप्शन टीम ने एक लिपिक को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी ब्रजेश सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुरादाबाद जिले के सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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किसान से मांगी रिश्वत, एंटी करप्शन टीम ने बिछाया जाल

ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले किसान प्रशांत कुमार ने लिपिक की शिकायत एंटी करप्शन थाने में की थी। लिपिक ब्रजेश सिंह ने कनेक्शन के एस्टीमेट पास कराने के एवज में 15 हजार रुपये की मांग की थी, लेकिन बाद में मामला 10 हजार में तय हो गया। प्रशांत ने 7 जुलाई को रुपये देने की बात कही थी।

कार्यालय के बाहर लेते ही धर दबोचा

सोमवार को जैसे ही लिपिक ब्रजेश सिंह ने किसान से 10 हजार रुपये लिए और उन्हें अपनी जेब में रखा, वैसे ही पास में पहले से तैनात एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। टीम प्रभारी रश्मि चौधरी के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में जैसे ही लिपिक को पकड़ा गया, उसने तुरंत रुपये फेंक दिए।

हाथों पर मिला केमिकल, मेडिकल जांच कराई गई

रुपये पर पहले से ही केमिकल लगाया गया था। जांच में जब लिपिक के हाथ धुलवाए गए तो उस पर केमिकल का रंग साफ नजर आया। टीम में शामिल सब इंस्पेक्टर विजय और निरीक्षक कृष्ण कुमार ने दो सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में इस जांच को पूरा किया। कार्रवाई की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई।

डीएम से भी की गई थी शिकायत, फिर भी नहीं रुका लिपिक

किसान प्रशांत कुमार ने बताया कि उसने पहले डीएम से भी लिपिक की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने 1 जुलाई को एंटी करप्शन थाने में प्रभारी निरीक्षक नवल माहरवा को तहरीर और सभी सबूत सौंपे।

गोपनीय जांच के बाद हुई कार्रवाई

तहरीर मिलने के बाद एक सब इंस्पेक्टर द्वारा गोपनीय जांच कराई गई, जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि बिना पैसे के विभाग में कोई काम नहीं हो रहा था। इसके बाद रश्मि चौधरी के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई और तय तारीख पर जाल बिछाकर लिपिक को रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

वरिष्ठ अधिकारियों की चुप्पी

घटना के बाद बिजली विभाग के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता ने पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है। वहीं सिविल लाइन थाना प्रभारी मनीष सक्सेना ने पुष्टि की है कि आरोपी ब्रजेश सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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