
मुरादाबाद: शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में रिश्तों और कानून के बीच एक ऐसी जंग सामने आई है। जिसका शिकार एक तीन साल की मासूम को बनना पड़ा है। जी हां आदर्श कालोनी में तीन साल पहले लावारिस हालत में मिली बच्ची को यहां रहने वाले एक दम्पत्ति ने अपनी औलाद से बढ़कर पाला। लेकिन अब एक शिकायत पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने उसे कब्जे में लेकर बाल कलायन समिति को सौंप दिया। जहां से उसे रामपुर शिशु सदन भेज दिया गया। बच्ची को बिछड़ता देख मां-बाप समेत पूरे परिवार का बुरा हाल है वहीँ बच्ची भी अपने पालने वाले मां-बाप के लिए चीख रही थी।
तीन साल पहले लावारिस मिली थी
सिविल लाइंस आदर्श कालोनी निवासी आकाश ने बताया कि 17 मार्च 2016 को वह सुबह टहलने के लिए तहसील के पास गए थे। उन्होंने वहां देखा कि एक बच्ची सड़क किनारे पड़ी है। वह उसके पास पहुंचे और एक कपड़े में लपेटकर बच्ची को अपने घर ले आए। उनकी पत्नी ने बच्ची को सीने से लगा लिया। सभी ने कहा कि यह कुदरत की देन है। इस बच्ची को अपनी बच्ची की तरह ही पालना। इसके बाद कभी नहीं सोचा कि बच्ची हमारी नहीं है। आकाश ने बताया कि मेरे दो बेटे और एक बेटी और है। इसके बावजूद बच्ची को किसी को नहीं दिया। उसके नाम पर प्लाट भी खरीद लिया है ताकि बालिग होने पर उसके काम आए। आकाश के मुताबिक उसका एक रिश्तेदार से विवाद चल रहा है। उसने शिकायत की जिस पर शनिवार दोपहर एएचटीयू की टीम उसके घर पहुंची और बच्ची को ले आई। इसके बाद बच्ची बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश की। यहां से बच्ची को शिशु गृह भेजने का निर्णय लिया तो आकाश और उसके परिजन फूट फूट रोए।
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मिली थी ये सूचना
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गुलजार अहमद ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि परिवार को जो बच्ची मिली थी। वो उनकी नहीं थी। अब बच्ची को प्रक्रिया के तहत शिशु सदन रामपुर भेजा गया है। बच्ची किसके पास रहेगी ये नियमों के तहत ही होगा।
Updated on:
24 Nov 2019 04:44 pm
Published on:
24 Nov 2019 04:40 pm
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