
संभल में रामगोपाल यादव के सामने चुनाव लड़ेंगे मुलायम सिंह के यह साथी
मुरादाबाद: आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर सभी सियासी दलों की गोटियां बिछनी शुरू हो गयीं हैं। जिसमें कोई भी पार्टी एक दूसरे से पीछे नहीं दिख रही। लेकिन महागठबंधन के भरोसे अपनी साईकिल दौड़ना चाह रहे अखिलेश को उनके अपने ही चुनौती दे रहे हैं। जी हां चाचा शिवपाल के बाद पार्टी के कई बड़े नेता टिकट न मिलता देख शिवपाल के सेक्युलर मोर्चे से तार जोड़ते दिख रहे हैं। इसी में मुरादाबाद व् संभल से सांसद रह चुके डॉ शाफिकुर्रह्मान बर्क भी शामिल हैं। जो संभल के साथ साथ मुरादाबाद से भी टिकट की दावेदारी ठोंक रहे हैं।
संभल से ये नेता लडेगा
डॉ बर्क सपा के लिए इसलिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं क्यूंकि उन्हें विधान सभा में भी टिकट नहीं दिया गया था,वे अपने पोते को लड़ाना चाहते थे। इस बार भी संभल से राज्य सभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव के नाम की पुर जोर चर्चा है। रामगोपाल यादव पहले भी संभल से सांसद रह चुके हैं। ऐसे में ये माना जा रहा है कि संभल के साथ साथ आसपास की सीटों को मजबूत करने के लिए सपा रामगोपाल यादव को उतार सकती है।
बढ़ जाएगी चुनौती
लेकिन रामगोपाल के उतरने से सपा के लिए दोहरी चुनौती बढ़ गयी है। क्यूंकि अगर गठबंधन होता है तो मुरादाबाद सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी। लिहाजा डॉ शाफिकुर्रह्मान बर्क एक बार फिर निराश होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि अगर उन्हें सपा से लोकसभा से टिकट नहीं मिलता तो वे शिवपाल के मोर्चे से ताल ठोंकेगे। ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्यूंकि उनके विरोधी प्रमोद कृष्णम ने फ़िलहाल अभी चुनाव लड़ने से मना किया है। माना जा रहा है कि वे डॉ बर्क को शिवपाल के साथ लड्वाएं।
जमीनी पकड़ है मजबूत
यहां बता दें कि डॉ बर्क 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा से सांसद रहे थे। इससे पहले वे सपा से मुरादाबाद के भी सांसद रहे थे। उन्हें स्थानीय स्तर पर बेहद मजबूत नेता माना जाता है। न सिर्फ मुस्लिमों बल्कि उनकी पकड़ दूसरे समुदाय में भी खूब है। इसलिए उनकी नाराजगी अखिलेश और महागठबंधन को भारी पड़ सकती है।
Published on:
24 Sept 2018 02:55 pm
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