
मुरादाबाद: पिछले दिनों एन.जी.टी. ने देश भर में दस साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों के पंजीकरण रद्द करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद देश भर ऐसे वाहनों के खिलाफ स्थानीय संभागीय परिवहन विभाग ने कार्यवाही भी शुरू की। लेकिन एन. जी. टी. की इस कार्यवाही का असर देश भर के किसानों पर नकारात्मक पड़ा। यूपी समेत देश के अलग अलग इलाकों में अस्सी फीसदी से अधिक किसानो के ट्रेक्टर दस साल से अधिक पुराने हैं। लेकिन जब इन पर भी कार्यवाही शुरू हुई तो किसानों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर दी। इसी को लेकर आज मुरादाबाद में हजारों की संख्या में किसान तकरीबन पचास से अधिक ट्रेक्टर ट्रोली लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए और इस आदेश को वापस लेने की मांग की। यही नहीं किसानों ने अपने ट्रेक्टर सीधे डीएम कार्यालय के बाहर लगा दिए। इस कारण पुलिस कर्मियों से उनकी नोकझोंक भी हुई।
भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर जनपद की सभी तहसीलों से हजारों की संख्या में किसान सिविल लाइन स्थित आंबेडकर पार्क में इकट्ठा हुए। और उसके बाद अपने अपने ट्रैक्टरों में सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इस कारण शहर के सिविल लाइन इलाके में जाम जैसे हालात बन गए। किसान नेता नौ सिंह ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों के हितों की बात करती है। दूसरी तरफ ऐसे आदेशों से किसानों का शोषण किया जा रहा। अपनी कठिन परिस्थिति में ज्यादातर किसानों के पास पुराने ही ट्रैक्टर हैं। किसी के पास शायद ही 2006 के बाद का ट्रैक्टर होगा। लेकिन एन.जी.टी . का जो आदेश है उसमें किसानों को छूट दी जाए। हम ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर नहीं आते। अपने गांव में खेत जोतने और फ़सल उठाने के काम में लाते हैं। बावजूद इसके किसानों के ट्रैक्टर सीज किये जा रहे हैं। जिसको लेकर आज ये प्रर्दशन किया गया। अगर ये आदेश वापस नहीं लिया गया तो किसान देश भर में ***** जाम करेंगे।
यहां बता दें कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रौली से किसानों के आने से पुलिस प्रशासन के भी हाथ पैर फूल गए। किसान जबरन कलेक्ट्रेट में भी ट्रैक्टर लेकर घुस गए। पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने की भी कोशिश करती रही लेकिन वे नहीं माने। पूरे डीएम कार्यालय को ट्रैक्टरों से घेरने के बाद वहीँ धरने पर बैठ गए।
Published on:
27 Mar 2018 04:20 pm
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