
1811 करोड़ का जीएसटी घोटाला! AI Generated Image
GST 1811 crore fake firms scam in Moradabad: 1811 करोड़ के विशाल जीएसटी घोटाले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार के नेतृत्व में बनी 11 सदस्यीय टीम इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने में जुट गई है। इस रैकेट में 122 फर्जी फर्मों का इस्तेमाल कर करोड़ों की जीएसटी चोरी की गई थी, जिसके मास्टरमाइंड की तलाश जारी है। अधिकारियों के अनुसार जांच का दायरा तेजी से बढ़ाया जा रहा है ताकि पूरे सिंडिकेट का खुलासा हो सके।
1,811 करोड़ के टर्नओवर और 340.94 करोड़ की जीएसटी चोरी सामने आने के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। प्रमुख सचिव (राज्य कर) एम देवराज ने कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह, डीएम अनुज सिंह और एसएसपी सतपाल अंतिल से विस्तृत बातचीत की है और फर्जी फर्मों से जुड़े राज्यों के अधिकारियों को जांच के लिए पत्र भेज दिए हैं। शासन ने इस मामले को उच्च प्राथमिकता पर रखते हुए इंटर-स्टेट जांच का निर्देश दिया है।
पूरा मामला तब सामने आया जब 24 अक्टूबर को मुरादाबाद में दो ट्रक लोहे का स्क्रैप पकड़ा गया और जांच के दौरान जीएसटी विभाग को बड़े नेटवर्क के सुराग मिले। पता चला कि लखनऊ निवासी अंकित कुमार ने प्रवीण श्रीवास्तव के किराए के कागजों और बिजली बिल का इस्तेमाल करते हुए एके इंटरप्राइजेज नाम की फर्म पंजीकृत कराई थी। इसी फर्म से जुड़े दो मोबाइल नंबरों पर कुल 122 फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड मिलीं, जिनके नाम पर सिर्फ कागजों पर माल की खरीद-बिक्री दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा किया गया।
अपर आयुक्त ग्रेड-टू आरए सेठ के अनुसार इन कंपनियों ने वास्तविक कारोबार नहीं किया, बल्कि केवल कागजों पर माल की आवाजाही दिखाते हुए ITC क्लेम किया गया। इस तरीके से सरकार को टैक्स चुकाए बिना जीएसटी रिफंड लिया जा रहा था। अधिकारियों का मानना है कि यह संगठित अपराध है जिसमें कई स्तरों पर लोग शामिल हो सकते हैं।
मामले के उजागर होने पर शुक्रवार को मुरादाबाद में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गईं। एसआईटी अब मुरादाबाद मंडल के अलावा उन सभी जिलों में जांच करेगी जहां से फर्जी फर्मों का पंजीकरण या लेन-देन जुड़ा है। इसके तहत ट्रांसपोर्ट रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजैक्शन, जीएसटी पंजीयन दस्तावेज और संदिग्ध व्यापारियों, अधिवक्ताओं, ट्रांसपोर्टरों व बिचौलियों से पूछताछ की जाएगी।
जीएसटी विभाग जल्द ही 122 संदिग्ध फर्मों के पंजीयन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करेगा और चोरी हुए टैक्स की वसूली की कार्रवाई करेगा। मुरादाबाद जोन के अपर आयुक्त ग्रेड-वन अशोक कुमार सिंह ने बताया कि पूरे मामले पर प्रमुख सचिव राज्यकर एम देवराज की सीधी निगरानी है। लखनऊ, आगरा, नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद और कई अन्य जिलों के साथ ही संबंधित अन्य राज्यों को भी इस मामले में पत्र भेज दिए गए हैं।
Published on:
02 Nov 2025 10:01 pm
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