
GST के एक साल बोले पीतल निर्यातक उद्योग खतरे में
मुरादाबाद: देश में पिछले साल एक जुलाई से गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानि जीएसटी लागू किया था। जिसे अब एक साल पूरा हो गया। मुरादाबाद में तमाम व्यापारियों के साथ ही पीतल निर्यातकों ने भी जीएसटी का विरोध किया था। वहीँ अब एक साल पूरा होने के बाद निर्यातक अभी भी जीएसटी से संतुष्ट नहीं है। उनके मुताबिक इस कानून से पीतल उद्योग पर विपरीत असर पड़ा है। सरकार बिना निर्यातकों की दिक्कतें समझे इस कानून को थोप दिया।
निर्यातक बोले हो रहा नुकसान
मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नवेद उर रहमान के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद पीतल उद्योग पर इसका बहुत ही नकरातमक असर पड़ा है। बिना तैयारी के लागू किये गए इस कानून के चलते निर्यातकों को काफी नुकसान हो रहा है। अभी भी जुलाई अगस्त सितम्बर का रिफंड नहीं मिला है। जीएसटी पोर्टल भी सही तरीके से काम नहीं कर रहा। रिफंड समय से नहीं मिल पाने से बैंक का ब्याज बढ़ रहा। पीतल उद्योग पहले से ही मंदी की मार और चाइना से कम्पटीशन के चलते बेहाल था। उसके बाद जीएसटी ने इसमें आग में घी का काम किया।
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इतने कारखाने हो गए बंद
वहीँ उधर मुरादाबाद ब्रास कारखानदार एसोसिएशन के अध्यक्ष आज़म अंसारी ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद मुरादाबाद में छोटे कारखाने लगभग चालीस फीसदी बंद हो गये। लाखों कारीगर बेरोजगार हो गए। वे या तो पलायन कर गए या फिर उन्होंने कोई दूसरा धंधा अपना लिया। पीतल के उम्दा कारीगर रिक्शा चलाकर पेट पालने को मजबूर हैं। 12 हजार करोड़ का कारोबार करने वाला मुरादाबाद अब महज 7 हजार करोड़ का ही निर्यात कर पा रहा है।
एक्सपर्ट बोले जीएसटी सही
इसके उलट जीएसटी मामलो के एक्सपर्ट सीए अभिनव अग्रवाल के मुकाबले एक साल में जीएसटी का अनुभव मिला जुला रहा है। शुरू में तेजी से रजिस्ट्रेशन हुए। रिफंड भी तेजी से आ राहे हैं। रिफंड उन्हीं के अटके हैं जिनकी फाइलिंग कमजोर है या उनमें कमी है। हां मैचिंग में प्रॉब्लम अभी आ रही है। इसके लिए जीएसटी सॉफ्टवेयर को और अपडेट होने की जरुरत है।
Updated on:
30 Jun 2018 07:48 pm
Published on:
30 Jun 2018 05:16 pm
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