इस गंभीर अनियमितता के बाद यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों (DM) और मुख्य विकास अधिकारियों (CDO) को निर्देश दिया है कि 15 जून से 21 जून के बीच सभी ग्राम सभाओं में अंत्योदय कार्डों की गहन जांच और सत्यापन किया जाए।
मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने पांच जिलों मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा और बिजनौर में विशेष जांच अभियान चलाया था। जांच में कुल 4343 अंत्योदय राशन कार्डों को परखा गया जिनमें से 1063 कार्ड फर्जी पाए गए। जिला वार आंकड़ों की लिस्ट:
जांच टीमों में खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया ताकि निष्पक्षता बनी रहे। इन टीमों में नायब तहसीलदार और खंड विकास अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि अपात्र व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड सूची से हटाए जाएं और जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की लापरवाही से यह कार्ड जारी हुए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
IAS ऑञ्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि अभी तो सिर्फ सैंपल के रूप में एक ब्लॉक से एक गांव लिया गया था। जब सभी की जांच होगी तो ये फर्जीवाड़ा और बड़े स्तर पर सामने आ सकता है। हम इस मामले में जो भी जिम्मेदार हैं उन पर मुकदमा भी दर्ज करायेंगे और कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए गये हैं। गरीबों के हक पर डाका डालने वालों को बक्शा नहीं जायेगा।
अंत्योदय अन्न योजना के तहत गरीब, निराश्रित और बेरोजगार परिवारों को प्रति परिवार 35 किलो मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। यह सुविधा उन परिवारों को दी जाती है जिनकी आय स्थिर नहीं होती जैसे दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, बुजुर्ग और विधवा महिलाएं आदि। प्रदेशभर में इस घोटाले के सामने आने से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा है और सरकार की साख पर भी सवाल उठने लगे हैं।
Published on:
12 Jun 2025 06:14 pm