
मुरादाबाद: रेलवे (Indian Railway) अब उत्तराखंड (Uttrakhand) में उर्दू (Urdu) में लिखे रेलवे स्टेशन (Railway Station) के नाम मिटाकर अब उन्हें संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) में लिखने जा रहा है। जिसके लिए स्थानीय रेल अधिकारीयों (Railway Officers) ने उत्तराखंड के स्थानीय अधिकारीयों से संस्कृत लिपि में स्टेशन के नाम मांगे हैं। जी हां रेलवे मैनुअल (Rialway work Manual) के हिसाब से राज्य की दूसरी भाषा के हिसाब से स्टेशन के नाम भी लिखे जाते हैं और उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखंड की दूसरी भाषा अब संस्कृत है। लिहाजा अब मुरादाबाद रेल मंडल(Moradabad Rail Devision) के अधीन 22 स्टेशनों के नाम अब संस्कृत में लिखे जाएंगे।
दूसरी भाषा में नाम होने का है नियम
यहां बता दें कि उत्तर रेलवे (Northen Railway) के मुरादाबाद मंडल में उत्तराखंड के बाइस रेलवे स्टेशन आते है जिन पर रेल संचालन की जिम्मेदारी डीआरएम (DRM) कार्यालय मुरादाबाद की है। रेलवे अब उत्तराखंड के इन बाइस रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में भी लिखाने की तैयारी कर रहा है। इंडियन रेलवे वर्क मैनुअल के मुताबिक रेलवे स्टेशन के नाम हिंदी,अंग्रेजी के अलावा उस राज्य की राजकीय भाषा में होना चाहिए । उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में दूसरी राजकीय भाषा उर्दू है लिहाजा उत्तराखण्ड अलग राज्य बनने के बाद भी स्टेशनों के नाम उर्दू में भी लिखे गए थे। संस्कृत में नाम लिखने के बाद उत्तराखण्ड राज्य के रेलवे स्टेशनों पर हिंदी और अंग्रेजी में भी नाम लिखें रहेंगे लेकिन उर्दू में लिखे नाम हटा दिए जाएंगे। रेलवे ने डीएम देहरादून और हरिद्वार से जल्द से जल्द नाम उपलब्ध करने के लिए लिखा है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक नामों की सूची मिलते ही इस पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
मैनुअल के मुताबिक बदले जाएंगे नाम
सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा के मुताबिक मैनुअल के मुताबिक ही स्टेशन के नाम बदले जाने हैं। हमने उत्तराखंड में सभी स्थानीय अधिकारीयों से संस्कृत में नाम मांगे हैं। मिलने के साथ ही उर्दू में नाम हटाकर अब संस्कृत में लिखवा दिए जाएंगे।
Published on:
21 Jan 2020 01:46 pm
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